राष्ट्रीय रक्तदाता महाकुंभ व सम्मान समारोह तीस को : देशभर से जुटेंगे रक्तदाता, पोस्टर का विमोचन
जोधपुर, 24 जून (हि.स.)। लाल बूंद जिंदगी रक्षक सेवा संस्थान द्वारा तीस जून को मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय रक्तदाता महाकुंभ एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन उन व्यक्तियों, संस्थाओं और ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेवा देने वाले जवा
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जोधपुर, 24 जून (हि.स.)। लाल बूंद जिंदगी रक्षक सेवा संस्थान द्वारा तीस जून को मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय रक्तदाता महाकुंभ एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन उन व्यक्तियों, संस्थाओं और ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेवा देने वाले जवानों को सम्मानित करने की एक विशेष पहल है, जिन्होंने रक्तदान, चिकित्सा सेवा, आपदा राहत और सीमावर्ती क्षेत्रों में मानवीय सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।

संस्थान की ओर से मंगलवार को कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन महंत डॉ. रामप्रसाद महाराज, वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. अरविंद माथुर, संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष रजत गौड़ और राष्ट्रीय सचिव रवि तिवाड़ी, प्रदेश प्रभारी अनिल कच्छवाहा, राजकुमार शर्मा, डॉ रामकिशोर विश्नोई ने किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष रजत गौड़ ने बताया कि यह आयोजन केवल एक सम्मान समारोह नहीं बल्कि राष्ट्रसेवा के उन गुमनाम नायकों को मंच देने का प्रयास है, जिन्होंने बिना किसी प्रचार के मानवीय सेवा को जीवन का मूल उद्देश्य बनाया।

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में सीमावर्ती क्षेत्रों में कार्यरत उन सुरक्षाकर्मियों का सार्वजनिक सम्मान किया जाएगा, जिन्होंने संकट के समय न केवल राष्ट्र की रक्षा की, बल्कि पीडि़तों की सहायता में भी अनुकरणीय भूमिका निभाई। उन्होंने इसे सेवा और समर्पण की परंपरा को सामाजिक चेतना से जोडऩे वाला राष्ट्रीय प्रयास बताया। कार्यक्रम के दौरान रक्तदाताओं का एक राष्ट्रीय रक्तदाता प्रस्ताव तैयार कर सरकार को सौंपा जाएगा।

इस प्रस्ताव में कई अहम सुझाव शामिल हैं। सबसे प्रमुख सुझाव रक्तदान बोर्ड के गठन की मांग है, जो देशभर में रक्तदान की नीति, निगरानी और समन्वय का कार्य करेगा। साथ ही, ब्लड रिस्पॉन्स नेटवर्क को राष्ट्रीय स्तर पर सशक्त करने की सिफारिश की जाएगी ताकि आपातकाल में रक्त की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

नियमित रक्तदाताओं को डिजिटल हेल्थ कार्ड, सामाजिक मान्यता, प्राथमिकता और स्वास्थ्य बीमा जैसी सुविधाएं दी जाएं। शिक्षा व्यवस्था में रक्तदान एवं स्वास्थ्य को पाठ्यक्रम में शामिल करने की बात होगी और भारत को पूर्णत: स्वैच्छिक रक्तदाता राष्ट्र बनाने के लिए ठोस नीति निर्माण की मांग प्रमुख रूप से शामिल होगी।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश