81 गांवों की सीमांकन प्रक्रिया पूर्ण, बीटीआर में प्रशासनिक पुनर्गठन को मिली नई दिशा
गुवाहाटी, 24 जून (हि.स.)। असम सरकार ने हाल ही में बोड़ोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) में सम्मिलित किए गए 81 गांवों के लिए अंतिम सीमांकन आदेश जारी कर दिया है। सरकार के इस कदम को बोड़ोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) के प्रशासनिक पुनर्गठन की दिशा मील का
81 गांवों की सीमांकन प्रक्रिया पूर्ण, बीटीआर में प्रशासनिक पुनर्गठन को मिली नई दिशा


गुवाहाटी, 24 जून (हि.स.)। असम सरकार ने हाल ही में बोड़ोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र (बीटीआर) में सम्मिलित किए गए 81 गांवों के लिए अंतिम सीमांकन आदेश जारी कर दिया है। सरकार के इस कदम को बोड़ोलैंड प्रादेशिक परिषद (बीटीसी) के प्रशासनिक पुनर्गठन की दिशा मील का पत्थर माना जा रहा है।

राज्य के राज्यपाल द्वारा अनुमोदित इस अंतिम आदेश से पहले विस्तृत परामर्श प्रक्रिया अपनाई गई थी, जिसमें राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और नागरिकों सहित विभिन्न पक्षों से सुझाव, आपत्तियां और टिप्पणियां आमंत्रित की गई थीं।

बोडोलैंड कल्याण विभाग द्वारा क्रमशः 31 दिसंबर 2022 (सूचना सं. ई-233475/272), 6 नवंबर 2023 (ई-233475/303), और 21 सितंबर 2024 (ई-233475/387) को जारी अधिसूचनाओं के माध्यम से इन गांवों को बीटीआर में शामिल किया गया था।

बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद (निर्वाचन) नियम, 2004 के नियम 3(2) के तहत, 3 जून 2025 को एक नामित प्राधिकारी को (सूचना सं. ई-610598/125) सीमांकन प्रक्रिया की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके बाद 5 जून 2025 को मसौदा सीमांकन आदेश (सूचना सं. एसीएस/एलडब्ल्यू/एसईईडी/सीओओपी/सीए/04-ए/2025/03) जारी किया गया।

उदालगुरी, तामुलपुर, बाक्सा, शोणितपुर, नलबाड़ी, दरंग और बिश्वनाथ जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए कि वे मसौदे को स्थानीय स्तर पर प्रचारित करें और प्राप्त प्रतिक्रियाओं के आधार पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजें।

सभी प्राप्त सुझावों और आपत्तियों के मूल्यांकन के बाद अब अंतिम सीमांकन आदेश प्रकाशित किया गया है, जिसमें 81 गांवों को बीटीसी के तहत विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में शामिल किए जाने की स्पष्ट जानकारी दी गई है। इन संशोधित सीमाओं का विवरण आदेश के परिशिष्ट-ए में दर्शाया गया है।

सरकार इस निर्णय से प्रशासनिक कार्यकुशलता बेहतर होने की उम्मीद है और बीटीआर में नए जोड़े गए क्षेत्रों में शासन और विकास संबंधी योजनाओं को गति मिलेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश