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नई दिल्ली, 24 जून (हि.स.)। नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) के उपाध्यक्ष कुलजीत सिंह चहल ने मंगलवार को मन्दिर मार्ग पर बन रही जय प्रकाश नारायण (जेपीएन) पुस्तकालय की प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पुस्तकालय केवल भवन नहीं होते, ये ज्ञान और शिक्षा के मंदिर होते हैं।
कुलजीत सिंह चहल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'विकसित भारत @2047' के विजन के अनुरूप एनडीएमसी ऐसी सुविधाएं विकसित कर रही है जो बच्चों, छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों और आम लोगों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अध्ययन का अवसर दें। उन्होंने बताया कि यह पुस्तकालय विशेष रूप से वाल्मीकि सदन, मंदिर मार्ग, गोल मार्केट और आसपास के क्षेत्र के लोगों के लिए फायदेमंद होगा।
चहल ने बताया कि इस पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा लाया गया था। इसके लिए सीपीडब्ल्यूडी ने 2.17 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की है और बाकी की राशि एनडीएमसी द्वारा वहन की जा रही है। कुल निर्माण लागत 6.81 करोड़ रुपये है। जिसमें सिविल, इलेक्ट्रिकल और फायरफाइटिंग का कार्य शामिल है।
उन्होने बताया कि करीब 85 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अगस्त तक फर्नीचर, आईटी सिस्टम और पुस्तकें आ जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस पुस्तकालय का उद्घाटन सितंबर तक करने का लक्ष्य रखा हैं।
उपाध्यक्ष ने कहा कि यह पुस्तकालय एक तीन मंजिला आरसीसी संरचना है। भूतल पर एक बहुउद्देश्यीय हॉल होगा और पहली व दूसरी मंजिल पर पुस्तकालय हॉल होंगे।
डिजिटल युग में पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए चहल ने कहा कि एनडीएमसी के पास पहले से ही आठ पुस्तकालय संचालित हैं। जेपीएन पुस्तकालय इस नेटवर्क को और मजबूत करेगी और ज्ञान के प्रचार-प्रसार का केंद्र बनेगी।
चहल ने कहा कि एनडीएमसी शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रही है, ताकि सभी वर्गों को समान अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ऐसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो हर व्यक्ति को सीखने और आगे बढ़ने का अवसर दें। जेपीएन पुस्तकालय इसी संकल्प का प्रमाण है।
उल्लेखनीय है कि एनडीएमसी परिषद ने 18 दिसंबर 2024 की बैठक में इस परियोजना के लिए संशोधित बजट 14.57 करोड़ रुपये स्वीकृत किया। जिसमें सिविल वर्क, इलेक्ट्रिकल, फर्नीचर और फायर सेफ्टी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पहले यह पुस्तकालय बिरला मंदिर के पास उद्यान मार्ग पर प्रस्तावित था।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी