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अयोध्या, 24 जून (हि.स.)। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की नगरी अयोध्या में जहां सैकड़ों मठ मंदिरों के संतों-महंतों द्वारा गौ सेवा, संत सेवा की जा रही है। वही आंजनेय सेवा ट्रस्ट प्रतिदिन बंदरो की सेवा कर एक मिसाल पेश कर रहा है। श्रीरामलला सेवा सदन देवस्थान के पीठाधीश्वर श्रीमज्जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी डॉ. राघवाचार्य महाराज के सानिध्य में प्रत्येक दिन बंदरो की सेवा की जा रहीं है। श्रीरामलला सेवा सदन देवस्थान के सदस्य भोर होते ही एक बड़ी पिकअप गाड़ी में केला और चना भरकर अयोध्या के चारों ओर भ्रमण कर बंदरों की सेवा कर रहे हैं। वह अयोध्या के चहुंओर बंदराें काे केला व चना खिला रहे हैं। बंदर भी अब उस पिकप गाड़ी काे पहचान गए हैं। जिस पर केला और चना लदा रहता है। गाड़ी के पहुंचने पर बंदर उसके पास पहुंच जाते हैं और मारे खुशी के उछलने-कूदने लगते हैं।
संस्था के सदस्यों द्वारा उन्हें चना, केला प्राप्त होता है। जिससे वह अपनी भूख मिटाते हैं। फिर बंदर अगले दिन गाड़ी का इंतजार करने लगते हैं। जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी डॉ. राघवाचार्य महराज ने बताया कि ये बंदर कोई आम बंदर नही हैं। बल्कि इन्हें हिंदू समाज प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त वीर बजरंगबली की सेना के रूप में देखता है। इसलिए इनकी सेवा भी हमें पुण्य की भागीदार बनाती है। सेवा ही परमाेधर्मा अर्थात सेवा ही परम धर्म है। इससे बढ़कर और कोई दूसरा धर्म नही है। हम सब सेवा धर्म को अंगीकार करें। इस पुनीत कार्य में सभी को आगे आना चाहिए। खासकर ऐसे सामर्थ्यवान लाेग जाे सेवा के कार्य करने में सक्षम हाें। वह अवश्य सेवा के कार्य में आगे आएं और बढ़-चढ़कर हिस्सा लें।
साथ ही साथ इससे जुड़ने के लिए लाेगाें काे प्रेरित भी करें। वहीं श्रीरामलला सेवा सदन देवस्थान रामकाेट के प्रबंधक रमेश मिश्रा उर्फ शिब्बू मिश्रा नें बताया कि महाराज श्री के सानिध्य में गौ सेवा, संत सेवा, दीन-दुखियों, आगंतुकों की सेवा तो की ही जा रही है। इसके अलावा आंजनेय सेवा ट्रस्ट द्वारा प्रतिदिन बंदरों की सेवा करने का संकल्प लिया गया है। जो कि विगत कई वर्षाें से निरंतर होती चली आ रही है। प्रभु की इच्छा के अनुसार आगे भी इसी तरह की सेवा जारी रहेगी।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय