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कोलकाता, 23 जून (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के नदिया जिलान्तर्गत कालीगंज विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव के नतीजे से साफ हो गया है कि तृणमूल कांग्रेस ने न केवल सीट बचाई, बल्कि अपने जनाधार में भी उल्लेखनीय इजाफा किया है। सोमवार को जारी मतगणना के रुझानों में तृणमूल उम्मीदवार अलिफा अहमद ने अपने निकटवर्ती भाजपा उम्मीदवार को पिछले चुनाव के तुलना में तकरीबन दोगुने वोटों से हराया है। भाजपा और वाम समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार के बीच दूसरे और तीसरे स्थान के लिए कड़ा मुकाबला रहा।
तृणमूल के आईटी सेल प्रमुख और युवा नेता देबांशु भट्टाचार्य ने इस जीत के पीछे के कारणों की सोशल मीडिया पर विश्लेषण करते हुए दावा किया कि भाजपा का बड़ा वोटबैंक तृणमूल की ओर खिसक गया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 और वर्तमान उपचुनाव के वोट प्रतिशत की तुलना करते हुए बताया कि कालीगंज में तृणमूल का वोट प्रतिशत 43.8 फीसदी से बढ़कर 60 फीसदी तक पहुंच गया है। इसके मुकाबले भाजपा का वोट प्रतिशत घटा है, जबकि वाम और कांग्रेस का समर्थन लगभग स्थिर बना रहा।
देबांशु भट्टाचार्य ने सीधे तौर पर विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की उग्र हिंदुत्ववादी राजनीति को भाजपा की हार के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, “अगर आप ध्यान से देखें तो पाएंगे कि भाजपा के हिंदू वोटों का एक बड़ा हिस्सा तृणमूल कांग्रेस की ओर शिफ्ट हो गया है। शुभेंदु अधिकारी का उग्र और विकृत हिंदुत्व इस शांतिप्रिय बंगाली समाज ने गर्व से नकार दिया है। जय जगन्नाथ!”
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर