मेहंदी में लाली, दूध में घी, फूल में सुगंध की तरह सृष्टि में ईश्वर व्याप्त हैं:स्वामी प्रमोद
खूंटी, 22 जून (हि.स.)। महर्षि मेंहीं आश्रम में तीन दिवसीय सत्संग कार्यक्रम के दूसरे दिन रविवार के सत्संग में स्वामी प्रमोद जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि धूल के कण गिने जा सकते हैं, परंतु ईश्वर का नाम असंख्य है, उसे गिनना संभव नहीं है। उसी में

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