हिमालयन ट्रेकिंग दल का भव्य स्वागत एवं सम्मान समारोह सम्पन्न
सममान समाराेह में भाग लेने वाले छातर््


जम्मू, 2 जून (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, गीर्वाणभारती परिसर, संस्कृत भारती, यूथ हॉस्टेल्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया; तरुणोदय संस्कृत सेवा संस्थान, शिवमोग्गा, कर्नाटक तथा अन्य सहयोगी संस्थाओं के संयुक्त तत्वावधान में हिमालय के कुल्लू जनपद स्थित राओरी खोली (12,000 फीट) के साहसिक अभियान से सफलतापूर्वक लौटे ट्रेकिंग दल के सम्मान में आज एक गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया।

यह आयोजन विश्वविद्यालय के सभागार में सम्पन्न हुआ जिसमें ट्रेकिंग दल के सभी प्रतिभागियों सहित तरुणोदय संस्कृत सेवा संस्थान के ए.एन. विजेंदर राव एवं अन्य अतिथियों को पदक, प्रमाणपत्र तथा श्रीमाता वैष्णो देवी की चुनरी ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्रीनिवास वरखेड़ी ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि ऐसे साहसिक अभियान युवाओं में आत्मबल, अनुशासन और नेतृत्व की भावना का विकास करते हैं। उन्होंने कहा कि हिमालय केवल एक पर्वत नहीं बल्कि वह सहनशीलता, धैर्य और आत्मबल का प्रतीक है। वहाँ की यात्रा केवल शारीरिक परीक्षा नहीं अपितु मानसिक दृढ़ता और आत्मविश्वास की कसौटी भी होती है। हमारे छात्रों ने इस चुनौती को साहस और संयम के साथ सफलतापूर्वक पूर्ण किया है।

कुलसचिव प्रो. रा.गा. मुरलीकृष्ण ने कहा कि ट्रेकिंग जैसी गतिविधियाँ केवल शारीरिक सहनशक्ति ही नहीं बल्कि नेतृत्व, सहयोग और आत्मविश्वास का भी विकास करती हैं। उन्होंने कहा कि हमारे छात्रों ने सिद्ध किया है कि वे किसी भी परिस्थिति में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं।

छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. मदनमोहन झा ने विद्यार्थियों के संकल्प, अनुशासन और टीम भावना की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन न केवल हमारे विद्यार्थियों के लिए प्रेरणास्रोत है बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी साहसिक गतिविधियों में भाग लेने हेतु प्रेरित करेगा।

कार्यक्रम के संयोजक डॉ. योगेन्द्र दीक्षित ने बताया कि इस अभियान में कुल 50 प्रतिभागियों ने भाग लिया। यात्रा शिओ बाग बेस कैंप, कुल्लू से प्रारंभ होकर सेठन गाँव, कुकी नाला शिविर, लामदो, सुरतू नाला, देव टिब्बा, और जाबरी नाला होते हुए राओरी खोली तक सम्पन्न हुई। यह सात दिवसीय यात्रा विषम मौसम और दुर्गम मार्गों से होकर गुजरी जिसमें सभी प्रतिभागियों ने अनुशासन, साहस और उत्कृष्ट टीम भावना का परिचय दिया।

समारोह में विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए हिमालय की कठिन जलवायु, ऊँचाई और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया जिससे वहाँ की यात्रा न केवल एक रोमांचक अनुभव बल्कि जीवन का अमूल्य पाठ भी बन गई।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के प्रो. अजय कुमार मिश्रा, प्रो. मधुकेश्वर भट्ट, डॉ. अमृता कौर, डॉ. डी. दयानाथ, डॉ. विजय दाधीच, डॉ. प्रमोद बुटोलिया सहित अनेक अधिकारी, कर्मचारी एवं मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह