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जालौन, 2 जून (हि.स.)। जब नीयत साफ़ हो और सोच सकारात्मक, तब बदलाव की लहरें खुद रास्ता बना लेती हैं। उत्तर प्रदेश सरकार की महिला सशक्तिकरण की सोच ने जालौन की ज़मीन पर ऐसा ही एक नया अध्याय लिख दिया है।
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत जिले में गठित स्वयं सहायता समूहों में निर्मित उत्पादों की बिक्री के लिए जिला पंचायत कार्यालय के सामने साेमवार काे एक बिक्री केंद्र का शुभारंभ किया गया। खास बात यह रही कि इस केंद्र का शुभारंभ समूह की महिलाओं ने अपने हाथों फीता काटकर किया। यह कदम एक प्रतीकात्मक कदम है जिसने महिलाएं अब नेतृत्व कर रही हैं का सशक्त संदेश दिया। यह केंद्र सिर्फ एक दुकान नहीं, बल्कि एक सपना है उस आत्मनिर्भरता का जिसमें महिलाएं न केवल घर चला रही हैं बल्कि अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं।
जिलाधिकारी पाण्डेय ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री और शासन का प्रयास रहा है कि हर महिला को स्वरोजगार का अवसर मिले, ताकि वह अपने परिवार के साथ-साथ समाज को भी समृद्ध बना सके। यह केंद्र उस दिशा में एक ठोस कदम है। प्रदेश सरकार का यह प्रयास सिर्फ योजनाओं तक सीमित नहीं, बल्कि ज़मीन पर उतर कर परिणाम दे रहा है। जिले की महिलाएं आज मिसाल बन चुकी हैं। अपने हाथों से काम कर, अपने पैरों पर खड़ी हो रही हैं और दूसरों को भी साथ लेकर चल रही हैं।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व संजय कुमार, डिप्टी कलेक्टर सौरभ पाण्डेय, नगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि विजय चौधरी, स्वमं सहायता समूह से रजनी खरे, प्रवेश, सुलक्षणा, आरती, लक्ष्मी, नीलम, ममता, आरधना आदि मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि स्वयं सहायता समूह से जुड़कर यहां की महिलाएं अब अपने हाथों से बनाए अचार, बड़ी, दलिया, मुरब्बा, सिवईं, चिप्स, पापड़, बुकनू और गाय के गोबर से बने दीयों जैसे पारंपरिक उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा सकेंगी। यह पहल उन्हें न केवल आर्थिक संबल देगी, बल्कि आत्मविश्वास और सामाजिक पहचान भी प्रदान करेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा