कुर्बानी पर प्रतिबंध की मांग सांप्रदायिक सोच का परिणाम : मौलाना शाहबुद्दीन रजवी
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी


बरेली, 2 जून (हि.स.) । आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कुर्बानी पर प्रतिबंध की मांग को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद के टी. राजा, मुंबई के नितीश राणे, गाजियाबाद के विधायक नंद किशोर गुर्जर और स्वामी राम भद्राचार्य जैसे लोग सांप्रदायिक सोच के तहत कुर्बानी पर रोक की मांग कर रहे हैं, जो किसी भी सूरत में संभव नहीं है।

मौलाना ने कहा कि कुर्बानी का त्योहार कोई नया त्योहार नहीं, बल्कि 1450 वर्षों से परंपरागत रूप से मनाया जा रहा एक धार्मिक कर्तव्य है, जिसे मुसलमान किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ सकते। यह इस्लाम का एक अहम हिस्सा है।

उन्होंने मुसलमानों से अपील की कि प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से परहेज करें और दूसरों की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करें। साथ ही खुले में कुर्बानी न करें, बल्कि बंद स्थानों पर कुर्बानी करें और जानवरों के अवशेष सड़कों पर न फेंककर जमीन में दफन करें। उन्होंने कहा कि आपसी सौहार्द बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।

हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार