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सूरजपुर, 2 जून (हि.स.)। रेवती रमण मिश्र पीजी कॉलेज के एमएससी वनस्पति शास्त्र के विद्यार्थियों ने आज सोमवार को वेटलैंड का अध्ययन किया। यह वेटलैंड महाविद्यालय परिसर के बाहर शहर से निकलने वाले सीवेज वाटर से बना हुआ है। सीवेज वाटर के बहाव के कारण बहुत बड़ा क्षेत्र वेटलैंड में परिवर्तित होता जा रहा है, इसमें उगने वाली वनस्पति के प्रकारों का अध्ययन विद्यार्थियों के द्वारा किया गया।
ग्रीष्मकाल में भी यहां दलदल बना हुआ रहता है और यहां विभिन्न प्रकार के पौधे उगते हैं। इस वातावरण में पाए जाने वाले पौधों का पारिस्थितिक तंत्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान होता है इस क्षेत्र की मिट्टी में नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन की कमी बनी रहती है यहां ड्रोसेरा कीटभक्षी पौधा आसानी से देखने को मिलता है।
विद्यार्थियों ने ड्रोसरा की प्रजाति का अध्ययन किया तथा उसके द्वारा कीड़ों को किस प्रकार पकड़ा जाता है तथा उसे पचाया जाता है जिससे कि वह अपनी नाइट्रोजन की पूर्ति करता है का अध्ययन किया। विभाग अध्यक्ष टी.आर. राहंगडाले द्वारा विद्यार्थियों को वेटलैंड इकोसिस्टम की संरचना और उसके महत्व को बताया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय