भीलवाड़ा के आसींद में लेपर्ड का कहर, बच्चा समेत आठ लोगों पर हमला
भीलवाड़ा के आसींद में लेपर्ड का कहर, 2 किमी क्षेत्र में मचाया आतंक, बच्चा समेत 8 लोगों पर हमला1


भीलवाड़ा के आसींद में लेपर्ड का कहर, 2 किमी क्षेत्र में मचाया आतंक, बच्चा समेत 8 लोगों पर हमला


भीलवाड़ा, 2 जून (हि.स.)। भीलवाड़ा जिले के आसींद क्षेत्र में सोमवार को एक लेपर्ड ने आतंक मचा दिया। करीब दो किलोमीटर के इलाके में इस खूंखार जानवर ने एक 12 वर्षीय बच्चे समेत 8 लोगों पर हमला कर दिया। इस घटना से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिनमें एक बुजुर्ग की आंख नोच डाली गई, जबकि एक महिला के सिर पर तेंदुए ने काट खाया। घायलों को आसींद और दौलतगढ़ के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घटना की सूचना मिलते ही आसींद पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए उदयपुर से विशेषज्ञ टीम को बुलाया गया है।

तेंदुए ने पहली बार हमला नूवालिया गांव के 12 वर्षीय बालक राजवीर पर किया। राजवीर खेत में बकरियां चरा रहा था कि झाड़ियों से अचानक तेंदुआ निकलकर उस पर झपट पड़ा। उसके पिता सोनू भील ने बताया कि तेंदुए ने राजवीर की पीठ, गर्दन और शरीर के अन्य हिस्सों पर पंजों से गंभीर चोटें पहुंचाईं। पास ही खेत में काम कर रहे सोनू ने गणेश भील और सुरेश भील की मदद से लाठियों और पत्थरों से तेंदुए को भगाया। लहूलुहान हालत में राजवीर को तत्काल आसींद स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

तेंदुए ने इसके बाद थारेला गांव के 60 वर्षीय नेनु भील और नूवालिया की पानी देवी बलाई पर हमला किया। ग्रामीणों के अनुसार नेनु की एक आंख नोच ली गई और सिर पर गहरे जख्म आए हैं। उन्हें प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया है। इसी क्रम में सोमवार दोपहर 2 बजे नूवालिया गांव में ही तेंदुआ एक घर में घुस गया और वहां मौजूद लीलादेवी व प्रेमदेवी पर हमला कर दिया। प्रेमदेवी पर तेंदुए ने पीछे से हमला कर सिर पर काट लिया। परिजन के शोर मचाने पर तेंदुआ भाग निकला।

तेंदुए ने हमले की घटनाओं को जारी रखते हुए मानाबा का खेड़ा गांव में तीन और लोगों को घायल कर दिया। इसके बाद वह कूपाराम पुत्र रूपालाल के घर में घुस गया। जान बचाने के लिए परिवार के लोगों ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। वनपाल नंदलाल गुर्जर के अनुसार, जब लेपर्ड घर में टहल रहा था, तभी लोगों ने उसका वीडियो बनाने की कोशिश की, इस पर उसने फिर हमला करने का प्रयास किया। वन विभाग की टीम ने तत्परता दिखाते हुए तेंदुए को घर के बाथरूम में बंद कर दिया।

वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए मौके पर पिंजरा लगाया है। सहायक वनरक्षक नंदलाल गुर्जर ने बताया कि घटनास्थल के पास पिंजरा लगा दिया गया है और रेस्क्यू टीम उदयपुर से बुलाई गई है। जल्द ही तेंदुए को सुरक्षित पकड़ लिया जाएगा। ग्रामीण पोखर गुर्जर ने बताया कि दौलतगढ़ क्षेत्र में जगह-जगह फैले ग्रेनाइट खदानों के मलबे तेंदुओं के छिपने का अड्डा बन गए हैं। लंबे समय से ये तेंदुए मवेशियों को निशाना बना रहे थे, लेकिन पहली बार इंसानों पर इस प्रकार का हमला हुआ है।

लगातार हो रहे हमलों से नूवालिया, थारेला और मानाबा का खेड़ा गांवों में भय का माहौल है। बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर जमा हो गए हैं। प्रशासन और वन विभाग द्वारा सतर्कता बढ़ा दी गई है और रेस्क्यू टीम तेंदुए को पकड़ने में जुटी है। इस दर्दनाक घटना ने ग्रामीण सुरक्षा और वन्यजीवों के बढ़ते खतरे को लेकर प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों की मांग है कि तेंदुए को जल्द पकड़ा जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।

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हिन्दुस्थान समाचार / मूलचंद