झज्जर : दुर्गावाहिनी शौर्य प्रशिक्षण वर्ग में नारियों का हो रहा सशक्तिकरण
प्रशिक्षण वर्ग में विद्वान वक्ताओं के विचार विचार सुनती बहनें।


झज्जर, 2 जून (हि.स.)। बहादुरगढ़ में 29 मई से शुरू हुए हरियाणा प्रांत के सात दिवसीय दुर्गा वाहिनी शौर्य प्रशिक्षण वर्ग में महिलाएं एवं बेटियां सशक्त होने के लिए कड़ा परिश्रम कर रही हैं। शिविर में भाग ले रही महिलाओं में आत्मविश्वास, आत्मरक्षा की दक्षता, सामाजिक सहभागिता, राष्ट्रसेवा व पारिवारिक नैतिक मूल्यों की भावना को जागृत किया जा रहा है।

नारी शक्ति शौर्य प्रशिक्षण शिविर का आयोजन बहादुरगढ़ स्थित लेफ्टिनेंट महीपत सिंह कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन में किया गया है। यह प्रशिक्षण वर्ग अब पूरे उत्साह, अनुशासन और उद्देश्य के साथ अपने अंतिम चरण की ओर बढ़ रहा है। शिविर में हरियाणाभर से आई बहनें भाग ले रही हैं। शिविर के एक सत्र में विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय मंत्री वरुण कुमार का मार्गदर्शन मिला। उपस्थित बहनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज की नारी आत्मबल और राष्ट्रभक्ति से परिपूर्ण है। ऐसे प्रशिक्षण उसे और भी जागरूक, संगठित व सक्षम बनाते हैं। दुर्गावाहिनी का यह प्रयास समाज के लिए अनुकरणीय है।

इस प्रशिक्षण वर्ग में हरियाणा के 160 प्रखंडों से चयनित 16 से 35 वर्ष आयु वर्ग की 200 से अधिक बहनें भाग ले रही हैं। इस वर्ग का उद्देश्य बहनों में आत्मविश्वास, आत्मरक्षा की दक्षता, सामाजिक सहभागिता, राष्ट्रसेवा एवं पारिवारिक नैतिक मूल्यों की भावना को जागृत करना है।

आयोजन समिति के प्रवक्ता पंकज कौशिक ने बताया कि प्रतिदिन बहनों को योगा ध्यान प्रतिरक्षण तकनीक में यष्टी, दंड, तलवार छुरिका जैसे शस्त्रों का अभ्यास एवं प्रशिक्षण करवाया जाता है। समूह आत्मरक्षा अभ्यास, योग एवं अलर्टनेस ड्रिल जैसी शारीरिक गतिविधियों से प्रशिक्षित किया जा रहा है। साथ ही, लव-जिहाद, राष्ट्र जागरण, नैतिक मूल्यों, नेतृत्व, महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर बौद्धिक सत्रों का आयोजन किया जा रहा है।

शिविर के एक सत्र में दुर्गावाहिनी इंद्रप्रस्थ क्षेत्र की संयोजिका वंदना चौहान का प्रवास हुआ। उन्होंने व्रत एवं उपवास के वैज्ञानिक लाभों की जानकारी देते हुए बताया कि व्रत शरीर को डिटॉक्स करने, पाचन तंत्र को आराम देने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और आत्मनियंत्रण का अभ्यास करने का प्रभावी माध्यम है।

दुर्गावाहिनी की प्रांत संयोजिका नेहा सिंह ने बताया कि यह वर्ग केवल शारीरिक प्रशिक्षण नहीं, बल्कि मानसिक, वैचारिक और सामाजिक सशक्तिकरण का सशक्त मंच है। बहनों को हर स्तर पर सक्षम बनाने हेतु यह प्रशिक्षण अत्यंत उपयोगी है।

प्रान्त सह संयोजिका सीमा ने कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से बहनों में आत्मरक्षा, राष्ट्र की सुरक्षा, सामाजिक समस्याओं के प्रति सजगता और दुर्गा स्वरूप की भूमिका को आत्मसात करने का भाव उत्पन्न किया जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज