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फतेहाबाद, 2 जून (हि.स.)। ग्रीष्मकालीन अवकाश में शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविर एवं विद्यालयों में लगाए जा रहे समर कैंप के दिनों के बदले हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ ने शिक्षकों को प्रतिपूरक/अर्जित अवकाश प्रदान करने की मांग की है। इसको लेकर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की जिला कार्यकारिणी का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को जिला प्रधान राजपाल मित्ताथल के नेतृत्व में डीईईओ फतेहाबाद से मिला और उन्हें ज्ञापन सौंपा। इस प्रतिनिधिमंडल में संघ के जिला वरिष्ठ उपप्रधान डॉ नीतू डुडेजा, खंड प्रधान हरपाल हुड्डा, सचिव मुरारी लाल, भट्टू प्रधान सतपाल ढाका, भूना प्रधान दलबीर सिंह भी शामिल रहे। अध्यापक नेताओं ने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान 8 जून तक समर कैंप तथा प्राथमिक शिक्षकों हेतु 5-5 दिन के सेवा-कालीन प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। शिक्षक सदैव कक्षा-कक्ष में विद्यार्थियों के साथ अधिकतम समय व्यतीत करने के पक्षधर रहे हैं, परंतु शिक्षकों पर गैर-शैक्षणिक कार्यों का बोझ लादा जा रहा है, जिसके कारण वे शैक्षणिक कार्यों से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक भी समाज, परिवार और व्यक्तिगत दायित्वों से बंधे होते हैं जिसके लिए उन्हें उचित अवकाश की आवश्यकता होती है। शिक्षक नवाचार, प्रशिक्षण एवं सुधार प्रक्रिया का विरोध नहीं कर रहे, उनकी केवल यही मांग है कि प्रशिक्षण यदि अवकाश में आयोजित किया जाता है, तो उसे तभी न्यायोचित माना जा सकता है जब उसका मुआवजा प्रतिपूरक अवकाश या अर्जित अवकाश के रूप में दिया जाए। अन्यथा यह एकपक्षीय और शिक्षक समुदाय के साथ अन्यायपूर्ण रवैया कहलाएगा। अध्यापकों ने कहा कि अन्य विभागों के कर्मचारियों को वर्ष भर में 52 शनिवार, 30 अर्जित अवकाश, 4 प्रतिबंधित अवकाश और 20 चिकित्सा अवकाश मिलते हैं। इसके विपरीत शिक्षकों को मात्र 12 द्वितीय शनिवार और 10 अर्जित अवकाश मिलते हैं। विभाग यह अंतर यह कहकर समतल करने की कोशिश करता है कि शिक्षकों को गर्मियों में 30 दिन और सर्दियों में 15 दिन की छुट्टियॉ मिलती हैं, किंतु यह तर्क भ्रामक और वास्तविकता से परे है। अध्यापक संघ ने मांग की है कि शिक्षा विभाग को गैर-वेकेशनल विभांग घोषित किया जाए, ताकि शिक्षकों को अन्य विभागों के कर्मचारियों के समान नियमित, अर्जित, चिकित्सा एवं प्रतिब्ंधित अवकाश की सुविधाएं मिल सके।
हिन्दुस्थान समाचार / अर्जुन जग्गा