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मंडी, 19 जून (हि.स.)। वन संरक्षण अधिनियम (एफसीए) के अंतर्गत लंबित प्रस्तावों की समीक्षा के लिए मासिक बैठक मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में जिले की विभिन्न विकास परियोजनाओं से संबंधित एफसीए प्रस्तावों की गहन समीक्षा की गई और उनके शीघ्र निष्पादन के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए।
उपायुक्त ने कहा कि विकास कार्यों में अनावश्यक विलंब को रोकने के लिए एफसीए प्रस्तावों का समयबद्ध निपटारा अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जानकारी दी कि 17 मार्च 2023 से अब तक जिले के विभिन्न विभागों के कुल 27 प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी दी जा चुकी है। इनमें से तीन प्रस्तावों को मई 2025 में स्वीकृति मिली है, जिनमें मंडी शहर और आस-पास के गांवों की सीवरेज परियोजना, मंडी मंडल में बनौण कैंची से गाहरा तक 4 किलोमीटर सड़क निर्माण और लूहरी विद्युत परियोजना चरण-1 के तहत 220 केवी विद्युत ट्रांसमिशन लाइन का कार्य शामिल है।
उपायुक्त ने निर्देश दिए कि हर लंबित प्रस्ताव के लिए स्पष्ट समयसीमा तय की जाए और उसी के अनुरूप कार्यों को पूरा किया जाए। उन्होंने विभागों के बीच बेहतर तालमेल और वन भूमि हस्तांतरण की औपचारिकताओं को शीघ्र पूर्ण करने पर भी जोर दिया।
बैठक में कुल 64 एफसीए प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई, जिनमें से 40 प्रस्ताव परिवेश 1.0 पोर्टल और 24 प्रस्ताव परिवेश 2.0 पोर्टल पर दर्ज हैं। ये प्रस्ताव न्यायिक परिसरों, सड़कों, भवनों और जलविद्युत परियोजनाओं आदि से संबंधित हैं।
इसके अलावा, 25 ऐसे प्रस्तावों की भी समीक्षा की गई, जिन्हें पिछले 5 से 10 वर्षों के बीच स्टेज-1 की सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है, लेकिन वे अभी तक स्टेज-2 की अंतिम मंजूरी के लिए लंबित हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा