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कोलकाता, 19 जून (हि.स.) । पश्चिम बंगाल के बजबज इलाके में भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को स्थानीय लोगों के तीखे विरोध का सामना करना पड़ा। मामला तब गरमाया जब सुकांत एक घायल पार्टी कार्यकर्ता से मुलाकात करने पहुंचे। वहां मौजूद लोगों ने उन्हें घेर कर अभद्रता करते हुए नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि मनरेगा के तहत 100 दिनों के काम की बकाया राशि अब तक नहीं मिली है। इसी को लेकर नाराज स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए। शुरुआत में पुलिस ने हालात को संभालने की कोशिश की, लेकिन भीड़ के आक्रोश को देखते हुए अंततः रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) को तैनात करना पड़ा।
घटना के बाद सुकांत मजूमदार ने पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने आरोप लगाया कि, “बवाल करने के लिए जिहादियों को बुलाया गया था, क्या यही लोकतंत्र है?” वहीं, तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि जब लोगों ने 100 दिनों का काम किया है और उन्हें पैसा नहीं मिला, तो स्वाभाविक है कि गुस्सा फूटेगा। इसके साथ ही उन्होंने सुकांत पर धार्मिक आधार पर समाज को बांटने का आरोप भी लगाया।
इधर, घटना के तुरंत बाद सुकांत मजूमदार ने राज्यपाल से मिलने का मन बनाया है। इसके अलावा, उन्होंने संसद में भी इस मामले को उठाने की चेतावनी दी है।
उल्लेखनीय है की घटना जिस क्षेत्र में हुई है वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का संसदीय क्षेत्र है। इससे थोड़ी ही दूरी पर कुछ दिनों पहले सांप्रदायिक दंगे हुए थे।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर