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बिजनौर,19 जून (हि.स.)। खण्ड विकास अधिकारी राजबीर सिंह ने गुरुवार काे बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से विलुप्त हो रही नदियों को पुनर्जीवित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत प्राथमिकता के आधार पर वर्ष 2024-25 में जिले की पौराणिक नदी मालिनी (जिसका अपभ्रंश रूप मालन है) के पुनरुद्धार काे लेकर कुछ कार्य तत्कालीन जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल के मार्गदर्शन में कराया गया था। लेकिन मालन नदी की धारा बदलने के कारण कार्य अपेक्षित गति से नहीं हो पाया था। इसकाे देखते हुए अब मण्डलायुक्त व जिलाधिकारी ने इस समस्या के समाधान के लिए ग्राम्य विकास, राजस्व विभाग पंचायत राज विभाग एवं सिंचाई विभाग को आपस में समन्वय करते हुए मालन नदी को सदा नीरा एवं अविरल जल प्रवाह वाली बनाने के लिए कार्य करने के लिए निर्देशित किया है। इसके अन्तर्गत विकास खण्ड नजीबाबाद की 27, किरतपुर की सात एवं मौ. पुर देवमल की 14 ग्राम पंचायतों में कार्य वर्ष 2025-26 में लिया गया है।
उन्होंने बताया कि इस कार्य की निरन्तर समीक्षा जिलाधिकारी एंव मुख्य विकास अधिकारी द्वारा की जा रही है। इस कार्य में सरकारी योजना के साथ-साथ जनसामान्य को जोड़े जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आज उपायुक्त (श्रम रोजगार) ने ग्राम पंचायत रावली एंव ब्रहमपुरी का भ्रमण किया। वहां पर मनरेगा मजदूरों के साथ जन सहयोग में स्वयं सहायता समूहों की 50 से अधिक महिलाएं एवं 40 ग्राम रोजगार सेवकों द्वारा श्रमदान किया गया। उनके व उपायुक्त (श्रम रोजगार) एवं विकास खण्ड के सभी सहायक विकास अधिकारीगण ने भी मजदूरों साथ श्रमदान किया।
उन्होंने बताया कि नदी के पुनरुद्धार के साथ सृदढ़ किये जा रहे तटबंधों पर बांस, जामुन, अर्जुन आदि छायादार पेड़ भी लगाये जायेेगे। जिससे तटबन्ध सुरक्षित रहे तथा पर्यावरण को सपोर्ट मिल सके। उपायुक्त (श्रम रोजगार) एवं खण्ड विकास अधिकारी ने वहां पर उपस्थित जनसमुदाय से सहयोग की अपील की तथा उनसे हाथ उठवाकर संकल्प कराया गया कि वे मालन नदी को साफ-सुथरा बनाए रखने में पूरा सहयोग करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेन्द्र