सीयू में आयोजित संगोष्ठी के विजेताओं को कुलपति ने किया सम्मानित
धर्मशाला, 19 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यटन, यात्रा प्रबंधन एवं हास्पिटैल्टी मैनेंजमेंट स्कूल तथा इंडिया नॉलेज कंसोर्टियम (आईएनके), यूके के संयुक्त तत्वावधान में आधुनिक विश्व में भारतीय दर्शन, संस्कृति एवं परंपराओं की सम
संगोष्ठी के विजेताओं को सम्मानित करते हुए।


संयुक्त चित्र में संगोष्ठी के विजेता।


धर्मशाला, 19 जून (हि.स.)।

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यटन, यात्रा प्रबंधन एवं हास्पिटैल्टी मैनेंजमेंट स्कूल तथा इंडिया नॉलेज कंसोर्टियम (आईएनके), यूके के संयुक्त तत्वावधान में आधुनिक विश्व में भारतीय दर्शन, संस्कृति एवं परंपराओं की समकालीन प्रासंगिकता विषय पर एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के दौरान आयोजित विभिन्न सत्रों के विजेताओं को कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। हर सत्र से एक-एक विद्यार्थी और एक-एक संकाय सदस्य को सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति के लिए सम्मानित किया गया। इसमें प्रथम सत्र “भारतीय ज्ञानमीमांसान : भारतीय विचार की आधारशिला का अनावरण” विषय पर आयोजित किया गया, जिसमें अध्यक्ष प्रो. प्रशांत गौतम तथा मुख्य वक्ता डॉ. मोहित दहिया रहे। इस सत्र में सुश्री ऋभा शर्मा एवं डॉ. गौरीशंकर साहू को विजेता घोषित किया गया। वहीं दूसरा सत्र “भारतीय लोकाचार में दार्शनिक बहुलवाद” विषय पर आयोजित किया गया, जिसमें अध्यक्ष प्रो. सुशील मित्तल एवं मुख्य वक्ता डॉ. अनिल कुमार रहे। इस सत्र में अनिल कुमार डोगरा, प्रो. संदीप कुलश्रेष्ठ, प्रो. सुमन शर्मा एवं डॉ. मनप्रीत अरोड़ा को विजेता घोषित किया गया।

वहीं तीसरा सत्र “डिजिटल धर्म : भारतीय ज्ञान के साथ प्रौद्योगिकी और रणनीतिक शक्ति की पुनर्कल्पना” विषय पर आयोजित किया गया, जिसमें अध्यक्ष प्रो. विनय कपूर मेहरा, मुख्य वक्ता प्रो. सुनील काबिया रहे। इस सत्र में विकल्प चौहान, डॉ. अदिति शर्मा, प्रो. सत प्रकाश बंसल और डॉ. मनप्रीत अरोड़ा को विजेता घोषित किया गया।

वहीं चौथा सत्र “वेदों से मूल्यों तक : स्थिरता विमर्श में भारतीय दर्शन” विषय पर आयोजित किया गया, जिसमें अध्यक्ष प्रो. एच.के. सिंह, मुख्य वक्ता चंद्रकांत रहे। इस सत्र रंजन शर्मा, अभिषेक तथा प्रो. तनु जिंदल को विजेता घोषित किया गया। वहीं पांचवां सत्र “पारंपरिक कला : भारतीय कला की जीवित परंपराएं” विषय पर आयोजित किया गया, जिसमें अध्यक्ष डॉ. जगन्नाथ, मुख्य वक्ता प्रो. दीपक राज गुप्ता रहे। इस सत्र में जान्हवी ठाकुर एवं सुरुचि कटला को विजेता घोषित किया गया। इस मौके पर मुख्य संरक्षक हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्यप्रकाश बंसल ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा वैश्विक संकटों का स्थायी समाधान प्रस्तुत करती है। इस सम्मेलन में हुए पांचों सत्रों को लेकर जो लेख आए हैं। इसको लेकर एक किताब पब्लिश की जाएगी, जिसमें भारतीय ज्ञान परंपरा का अनूठा चित्रण देश के लिए होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया