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गुना, 19 जून (हि.स.)। जर्जर घोषित हो चुके शॉपिंग कॉम्पलेक्सेस में दुकानदार अपनी दुकानें या गोदाम चला रहे हैं। जबकि उन्हें कई बार दुकानें खाली करने के नोटिस दिए जा चुके हैं। इन नोटिसों को जहां दुकानदारों ने हवा में उड़ा दिया तो वहीं प्रशासनिक स्तर पर भी केवल नोटिस देकर खानापूर्ति कर ली गई। दुकानदारों को सख्ती से हटाने की जहमत किसी अधिकारी ने नहीं उठाई। नतीजा बीते दिन एक गंभीर दुर्घटना के रूप में सामने आया, हालांकि ईश्वर की कृपा रही कि इसमें कोई जनहानि नहीं हुई। हादसे में तीन जिंदगियां मौत के आगोश में जाते-जाते बचीं। घटना के बाद गुरुवार को व्यापारियों और प्रशासन के बीच बैठक हुई। इसके बाद प्रशासन ने जर्जर भवनों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जर्जर भवन गिराने के साथ उनकी मरम्मत की बात भी कही गई।
हरकत में आए व्यापारी और प्रशासन
हादसे के बाद प्रशासन और व्यापारी दोनों ही हरकत में आए और आनन-फानन में एक बैठक हुई। दोपहर 12.30 बजे उद्योग एवं व्यापार महासंघ के अध्यक्ष राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में दुकानदार कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल -के साथ बैठक करने पहुंचे। बैठक में अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद रहे। इस दौरान विजयवर्गीय कॉम्पलेक्स को लेकर भी बात हुई। बैठक में एक टेक्नीकल टीम बनाई गई है, जो सर्वे करके अपनी रिपोर्ट देगी। यदि दोनों कॉम्पलेक्स तोडऩे की स्थिति में होंगे तो व्यापारियों ने इस पर सहमति जताई है। आगे की कार्रवाई सर्वे टीम की रिपोर्ट आने के बाद होगी।
व्यापारियों ने कहा है कि यदि मरम्मत से काम चल जाएगा तो वे अपने खर्च पर मरम्मत करवाने को भी तैयार हैं। बैठक में व्यापारियों ने कहा है कि यदि कॉम्पलेक्स भि जर्जर है तो वे अपनी और अपने ग्राहकों की जान-माल का नुकसान नहीं चाहते। विजयवर्गीय कॉमप्लेक्स के टूटने की स्थिति में सह व्यापारियों को अस्थाई व्यवस्था करके देने पर सहमति बनी। बापू पार्क में उन्हें अस्थाई दुकानें दी जाएंगी। बचे दुकानदारों को भी छोटी दुकानों में शिफ्ट किया जाएगा। व्यापारियों ने बताया कि कलेक्टर ने समय सीमा में काम करके नव निर्मित दुकानें आवंटित करने का आश्वासन भी दिया है। वहीं वर्तमान में एमपीईबी की टीम भी बंद लाइट चालू करने जा रही है।
विजयवर्गीय कॉम्पलेक्स लंबे समय से जर्जर
उल्लेखनीय है कि शहर का विजयवर्गीय कॉम्पलेक्स और लक्ष्मीगंज के सामने वाला काम्पलेक्स लंबे समय से जर्जर हालत है। प्रशासन ने भी इन्हें दशकों पहले जर्जर घोषित कर दिया है। साथ ही दुकानदारों को दुकानें व गोदाम खाली करने के नोटिस भी दिए गए हैं। लेकिन आज तक इन दोनों जगहों पर दुकानें संचालित की जा रही हैं। लक्ष्मीगंज में प्रथम तल पर केवल एक दुकान संचालित हो रही थी, जिसकी दीवार बुधवार को गिर गई। वहीं अन्य दुकानों का उपयोग गोदाम के रूप में किया जा रहा है। यानी दुकानदारों को भी पता है कि उक्त दुकानें कभी भी गिर सकती हैं। इसके बावजूद दुकानों का संचालन करना उनकी हठधर्मिता को दर्शाता है। वहीं विजयवर्गीय कॉम्पलेक्स में तो प्रथम तल पर भी दुकानें चल रही हैं। ऐसे में यहां खतरा और भी अधिक है। दुकानदारों और उन पर आने वाले ग्राहकों के अलावा यहां बाजार में आने वाले लोग भी बहुतायत में मौजूद रहते हैं। दुकानों के गिरने पर जान-माल की भारी क्षति होने की संभावना बनी हुई है।
दो साल पहले बनी थी सहमति
करीब दो साल पहले विजयवर्गीय कॉम्पलेक्स के दुकानदारों और प्रशासन के बीच सहमति भी बन गई थी। बैठक में दुकानदारों को बापू पार्क में अस्थाई दुकानें देने की बात हुई थी और एक साल में नई दुकानों का निर्माण कर फिर से दुकानें आवंटित करने की बात कही गई थी। लेकिन इसके बाद भी नतीजा सिफर ही रहा। न दुकानें खाली की गई और न ही नए सिरे से दुकानों को निर्माण किया जा सका। इस मामले में प्रशासन द्वारा बरती जा रही लापरवाही व उदासीनता भी जिम्मेदार है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अभिषेक शर्मा