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मुंबई,19जून ( हि.स.) ।मानसून का मौसम शुरू होते ही संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के येउर इलाके की हरियाली पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां घूमने, फोटोग्राफी, वीडियो शूटिंग, 'ट्रेकिंग' या 'रील' बनाने के लिए बहुत से लोग आते हैं। बारिश से जीवन देने वाले झरनों से बने झरने हमेशा आकर्षण का केंद्र होते हैं। इन झरनों का आनंद कभी-कभी जानलेवा भी हो सकता है और इसी पृष्ठभूमि में वन विभाग ने ऐसी जगहों पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
पिछले कुछ सालों में झरनों के पास दुर्घटनाओं में कुछ युवाओं की जान चली गई है। पानी का अचानक बहाव बढ़ जाना, फिसलन भरी चट्टानें, अप्रत्याशित गहराई और सेल्फी लेने की चाहत ने उन्हें मौत के मुंह में धकेल दिया है। — ये सब इन जगहों को खतरनाक बना रहा है।
इस पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए, ठाणे वन विभाग, संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान प्रशासन और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों ने मानसून पर्यटकों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाए हैं। वन रेंज अधिकारी मयूर सुरवसे ने बताया कि अब येउर, उपवन, वाघोबा खिन, टिकुजी-नी-वाडी, भायंदर के पास कुछ नालों और झरनों के पास जंगल की सड़कों के पास जाने पर स्पष्ट रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। झरनों के पास जाना, देर तक जागना, शराब पीकर जंगल में घूमना या मोबाइल फोन पर वीडियो शूट करने के लिए अतिक्रमण करना, इन सभी पर अब कड़ी नजर रखी जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। वन विभाग ने सीसीटीवी कैमरों, वन गश्ती दल और स्थानीय पुलिस की मदद से योजना बनाई है। जंगल में किसी भी अनधिकृत प्रवेश बिंदु पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा