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मंडी, 18 जून (हि.स.)। सरदार पटेल विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन विभाग द्वारा सात दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. ललित कुमार अवस्थी के कर कमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर कुलगुरु ने शोधार्थियों को गुणवत्तापूर्ण एवं समाजोपयोगी शोध करने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि किसी भी विश्वविद्यालय की पहचान वहां होने वाले शोध के स्तर से होती है और आज के समय में शोध में मात्रात्मक दृष्टिकोण अपनाना समय की आवश्यकता है। इस कार्यशाला का संचालन प्रबंधन अध्ययन विभाग के अध्यक्ष सह आचार्य डॉ. पवन कुमार चंद की देखरेख में किया जा रहा है।
डॉ. पवन कुमार चंद ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य शोधार्थियों को आधुनिक शोध तकनीकों, मात्रात्मक विश्लेषण विधियों एवं शोध में प्रयुक्त सॉफ़्टवेयर आदि के व्यावहारिक ज्ञान से सशक्त करना है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं शोध की गुणवत्ता बढ़ाने में सहायक सिद्ध होती हैं। कार्यशाला में प्रमुख मार्गदर्शक के रूप में प्रो. डॉ. सचिन कुमार की उपस्थिति विशेष रही, जो कि इस क्षेत्र के अनुभवी विद्वान हैं। वह एनआईटी हमीरपुर में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत है उनके सान्निध्य में शोधार्थी शोध की योजना बनाने, डेटा संग्रहण की विधियाँ, सांख्यिकीय विश्लेषण तथा निष्कर्षों की व्याख्या जैसे महत्वपूर्ण विषयों को विस्तारपूर्वक सीखेंगे।
डॉ. सचिन कुमार ने प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए कहा कि एक सच्चा शोधार्थी हमेशा नए दृष्टिकोण अपनाने के लिए तैयार रहता है और इस प्रकार की कार्यशालाएं उस सोच को विकसित करती हैं। कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के पीएच.डी. शोधार्थी भाग ले रहे हैं। प्रतिभागियों ने इस पहल का स्वागत किया और बताया कि इससे उन्हें शोध प्रक्रिया को समझने और वैज्ञानिक तरीके से विश्लेषण करने में मदद मिलेगी। कार्यशाला 21 जून तक चलेगी, जिसमें विभिन्न सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को शोध से संबंधित गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा