Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नैनीताल, 18 जून (हि.स.)। हाई कोर्ट ने हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में अवैध खनन के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 जून की तिथि नियत की है। पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा था कि हरिद्वार जिले के सभी 121 स्टोन क्रशर नदी से पांच किमी की दूरी पर क्यों स्थानांतरित नहीं किए जा सकते और इनकी शिफ्टिंग के लिए उपयुक्त स्थान क्यों नहीं तलाशा जा सकता।
न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार मातृ सदन सहित अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हरिद्वार में रायवाला से भोगपुर के बीच गंगा नदी में नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है जिससे गंगा नदी के अस्तित्व को खतरा पैदा हो गया है। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई कि गंगा नदी में हो रहे अवैध खनन पर रोक लगाई जाए। याचिकाकर्ता का कहना था कि केंद्र सरकार ने गंगा नदी को बचाने के लिए एनएमसीजी बोर्ड गठित किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य गंगा को साफ करना व उसके अस्तित्व को बचाए रखना है। एनएमसीजी की ओर से राज्य सरकार को बार बार आदेश दिए गए कि यहां खनन कार्य नहीं किया जाय। उसके बाद में सरकार ने यहां खनन कार्य करवाया जा रहा है।
बीते दिन हुई सुनवाई पर कोर्ट ने पाया था कि 14 फरवरी 2025 को इस न्यायालय ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुरोध किया था कि वह क्षेत्र का दौरा करें और संबंधित क्षेत्र में चल रही खनन गतिविधियों के संबंध में रिपोर्ट पेश करें, विशेष रूप से यह कि क्या मशीनीकृत या स्वचालित मशीनों का उपयोग किया जा रहा है या नहीं। जिसमें सीपीसीबी द्वारा रिपोर्ट पेश की जा चुकी है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि स्टोन क्रशर नदी तल से 5 किमी के दायरे में बंद थे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / लता