हाईकोर्ट ने उठाए विजिलेंस कार्रवाई पर सवाल, कोषाधिकारी की गिरफ्तारी को बताया आपत्तिजनक
नैनीताल, 18 जून (हि.स.)। हाईकोर्ट ने कोषाधिकारी दिनेश राणा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए विजिलेंस विभाग की गिरफ्तारी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। न्यायालय ने कहा कि एफआईआर बाद में हुई और गिरफ्तारी पहले, यह प्रक्रिया संदेहास्पद है। न्याय
हाईकोर्ट ने उठाए विजिलेंस कार्रवाई पर सवाल, कोषाधिकारी की गिरफ्तारी को बताया आपत्तिजनक


नैनीताल, 18 जून (हि.स.)। हाईकोर्ट ने कोषाधिकारी दिनेश राणा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए विजिलेंस विभाग की गिरफ्तारी प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। न्यायालय ने कहा कि एफआईआर बाद में हुई और गिरफ्तारी पहले, यह प्रक्रिया संदेहास्पद है। न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की एकलपीठ ने इस मामले में विजिलेंस की कार्यशैली पर आपत्ति जताई है।

पूर्व में भी कोर्ट ने प्रक्रिया को आपत्तिजनक बताते हुए कहा था कि इस मामले में आरोपित को फंसाए जाने की सम्भावना प्रतीत होती है। कोर्ट ने रिश्वत देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई न होने पर भी आपत्ति जताई थी।

काेर्ट ने सीबीआई के अधिवक्ता पीयूष गर्ग से सीबीआई की प्रक्रिया की जानकारी ली। सीबीआई और विजिलेंस की कार्रवाई की प्रक्रिया विरोधाभासी पाए जाने पर कोर्ट ने सीबीआई और विजिलेंस के अधिकारियों को आपस में मीटिंग कर कार्यवाही संबंधी एसओपी पर निर्णय से न्यायालय को अवगत कराने को कहा।

मामले के अनुसार, न्यायालय कर्मी ने स्वयं और पांच अन्य सहकर्मियों की एसीपी पर हस्ताक्षर के लिए मुख्य कोषाधिकारी द्वारा एक लाख बीस हजार रुपये की रिश्वत की मांग का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी जिस पर विजिलेंस की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से 9 मई को मुख्य कोषाधिकारी और लेखाकार को गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था। निचली अदालत से राणा की जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत प्रार्थना पत्र दायर कर कहा कि उन्होंने रिश्वत नहीं ली थी और उन्हें झूठा फंसाया गया जबकि उन्होंने शिकायतकर्ता की एसीपी फाइल पहले ही वापस कर दी थी। सरकारी पक्ष का कहना था कि रिश्वत की राशि पर दोनों आरोपितों के फिंगर प्रिंट मिले थे।

न्यायालय में एसपी विजिलेंस के साथ विजिलेंस की सीओ विभा दीक्षित और गृह विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। कोर्ट ने मामले में सरकार से काउंटर देने को भी कहा। मामले की अगली अगली सुनवाई 25 जून को होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / लता