योग को पाठ्यक्रम का अनिवार्य अंग बनाया जाए : राज्यपाल
लखनऊ, 18 जून (हि.स.)। प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से बुधवार को राजभवन, लखनऊ में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ की नैक टीम ने भेंट की। यह भेंट विश्वविद्यालय को पहले प्रयास में
राज्यपाल से मिलती कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ की नैक टीम


लखनऊ, 18 जून (हि.स.)। प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल से बुधवार को राजभवन, लखनऊ में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ की नैक टीम ने भेंट की। यह भेंट विश्वविद्यालय को पहले प्रयास में ही राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद बेंगलुरु की ओर से ग्रेड ‘ए‘ प्राप्त होने के उपलक्ष्य में की गई। टीम ने इस उपलब्धि के लिए राज्यपाल द्वारा समय-समय पर दिए गए मार्गदर्शन, प्रेरणा और सतत निगरानी के प्रति आभार प्रकट करते हुए इसे विश्वविद्यालय की सफलता का आधार बताया।

इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि योग तथा अन्य सह-शैक्षणिक गतिविधियों को पाठ्यक्रम का अनिवार्य अंग बनाया जाए ताकि विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो। कहीं भी कोई अच्छा कार्य दिखाई दे तो उसे अपने विश्वविद्यालय में अपनाने की भावना विकसित करें।

अपने संबोधन में राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को ‘ए‘ ग्रेड प्राप्त करने पर बधाई देते हुए कहा कि यह संस्थान की टीम के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। यह सोचना आवश्यक है कि श्रेष्ठतम ग्रेड प्राप्त करने से विश्वविद्यालय कैसे वंचित रह गया और उन कमियों को दूर करने के लिए योजना बनाई जाए। विश्वविद्यालय को यह संकल्प लेना चाहिए कि अगले मूल्यांकन में और बेहतर ग्रेड प्राप्त किया जाए।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को ‘ए‘ ग्रेड मिलने के उपरांत विद्यार्थियों को प्रतिष्ठित कंपनियों में प्लेसमेंट मिलने तथा विदेशी छात्रों के नामांकन पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह विश्वविद्यालय की गुणवत्ता और विश्वसनीयता का प्रमाण है। इस दिशा में और प्रयास किए जाने चाहिए ताकि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में स्थान बनाया जा सके।

उन्होंने बताया कि आज महिलाएं कृषि और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में सक्रियता से भाग ले रही हैं, जो कि एक सकारात्मक परिवर्तन है। पहले ऐसा नहीं होता था। विश्वविद्यालय को चाहिए कि वह इस प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करे और महिला विद्यार्थियों को इस दिशा में नवाचार करने के लिए प्रेरित करे।

राज्यपाल ने सख्त निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय में होने वाले शोध किसानों तक अवश्य पहुंचने चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि रिसर्च के माध्यम से ऐसी बीज प्रजातियां विकसित करने के शोध किये जाएं जो मौसमी प्रभावों से सुरक्षित रह सकें और उच्च उत्पादन दे सकें।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ. पंकज एल. जानी, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के.के. सिंह, विश्वविद्यालय की नैक टीम, राजभवन के अधिकारी कर्मचारी सहित अन्य महानुभाव उपस्थित रहे।-----------------

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन