बिल वसूली के लिए शव को रोकना असंवैधानिक: मुख्यमंत्री
गुवाहाटी, 18 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों को सख्त चेतावनी दी है कि वे बकाया बिलों के नाम पर मरीजों या उनके शवों को अवैध रूप से रोकने की कोशिश न करें। उन्होंने इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का खुला
मुख्यमंत्री


गुवाहाटी, 18 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों को सख्त चेतावनी दी है कि वे बकाया बिलों के नाम पर मरीजों या उनके शवों को अवैध रूप से रोकने की कोशिश न करें। उन्होंने इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का खुला उल्लंघन बताया, जो जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ नर्सिंग होम केवल पैसों के लिए मरीजों या उनके शवों को रोकते हैं, यहां तक कि परिवारों पर जमीन बेचने का दबाव डालते हैं। यह पूरी तरह से गैरकानूनी है। उन्होंने घोषणा की कि इस तरह की घटनाओं से परेशान परिजनों के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग जल्द ही एक विशेष हेल्पलाइन (102 या 103) शुरू करेगा, जिससे कि वे सहायता प्राप्त कर सकें।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अस्पताल वित्तीय विवादों को कानूनी रास्तों से सुलझाएं, न कि बलपूर्वक वसूली के जरिए। पुलिस को भी किसी को हिरासत में लेने के लिए कोर्ट की इजाजत चाहिए होती है, फिर अस्पताल कैसे कानून से ऊपर हो सकते हैं?

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य मंत्रिमंडल इस विषय पर 1-2 दिनों में कड़ा निर्णय लेगा, ताकि इस तरह की अमानवीय प्रथाओं पर रोक लगाई जा सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश