केंद्रीय विश्वविद्यालय का 8वां दीक्षांत समारोह, छात्रों को मेहनत का प्रतिफल
धर्मशाला, 18 जून (हि.स.)। केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला का आठवां दीक्षांत समारोह बुधवार को राजकीय महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में छत्रपति साहू जी महाराज
सीयू के दीक्षांत समारोह में छात्रा को डिग्री देते हुए मुख्यातिथि।


सीयू के मेधावी अपनी डिग्री लेने का बाद।


धर्मशाला, 18 जून (हि.स.)। केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला का आठवां दीक्षांत समारोह बुधवार को राजकीय महाविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं को डिग्रियां प्रदान की गईं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर (उत्तर प्रदेश) के कुलपति एवं भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पाठक उपस्थित रहे। दीक्षांत समारोह की शुरूआत में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने पारंपरिक हिमाचली टोपी, अंगवस्त्र और चंबा थाल भेंट कर सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। वहीं कुलसचिव प्रो. सुमन शर्मा की अगुवाई में दीक्षांत समारोह का आगाज किया गया।

इस समारोह में वर्ष 2020 और 2021 में उत्तीर्ण स्नातक, परास्नातक और पीजी डिप्लोमा के कुल 462 छात्रों को डिग्रियां दी गईं जिनमें स्नातक, परास्नातक और पीजी डिप्लोमा के 206 तथा 2021 में उत्तीर्ण यूजी और पीजी के 256 छात्र छात्राएं शामिल रहीं।

शिक्षा केवल ज्ञान देती है, दीक्षा जीवन जीने की कला सिखाती है : प्रो. विनय

समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रो. विनय कुमार पाठक ने शिक्षा और दीक्षा के बीच अंतर को रेखांकित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल ज्ञान देती है, जबकि दीक्षा जीवन जीने की कला सिखाती है। उन्होंने कहा कि आज के तकनीकी युग में एआई जैसे उभरते विषयों को विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने एक प्रेरणादायक श्लोक के माध्यम से निरंतर कर्म करते रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि चलते रहो, चलते रहो–यही सफलता का मूल मंत्र है।

सीयू का 49वें स्थान से 8वें स्थान पर पंहुचना बड़ी उपलब्धि : कुलपति

वहीं इस मौके पर कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में देश का अग्रणी संस्थान रहा है। अगर हमें ए+ ग्रेड प्राप्त हुआ है, तो उसका श्रेय राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समर्पणपूर्वक लागू करने के प्रयासों को जाता है। उन्होंने कहा कि सीयू का फोकस बेस्ट माइंड तैयार करना है जो आत्मनिर्भर और एकात्म मानवतावाद से प्रेरित हों।

कुलपति ने कहा कि डोगरी भाषा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय को 50 पाठ्यपुस्तकें तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है, जो भविष्य में देशभर में पढ़ाई जाएंगी।

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएचपी) ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इंडियन इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (आईआइआरएफ) 2025 द्वारा जारी नवीनतम रैंकिंग में विश्वविद्यालय को देश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में आठवां स्थान प्राप्त हुआ है, वहीं यह हिमाचल प्रदेश का सर्वोच्च रैंक प्राप्त करने वाला विश्वविद्यालय बन गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का 49वें स्थान से 8वें स्थान पर पहुंचना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है।

समारोह में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति पद्मश्री आचार्य डॉ. हरमोहिंदर सिंह बेदी, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो. सच्चिदानंद जोशी, विशेष अतिथि के रूप में प्रो. सुशील मित्तल (कुलपति, पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय जालंधर), प्रो. दिनेश अग्रवाल (कुलपति, विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय गुरुग्राम) और प्रो. राज नेहरू (पूर्व कुलपति एवं विशेष कार्य अधिकारी, हरियाणा) उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने अपने संबोधन में डिग्री हासिल करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी और उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। समारोह में सभी विभागों के अधिष्ठाता, शिक्षकगण एवं छात्रगण मौजूद रहे।

केंद्रीय विवि के 8वें दीक्षांत समारोह में कुल 462 छात्रों ने डिग्री के लिए पंजीकरण कराया था, जिसमें 2020 में पास आउट यूजी, पीजी और पीजी डिप्‍लोमा के कुल 206 छात्र शामिल हैं। वहीं 2021 में पास आउट यूजी और पीजी के कुल 256 छात्रों ने डिग्री के लिए पंजीकरण कराया था।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया