सियासी हलचल : कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती के पोस्ट से हिमाचल कांग्रेस में हड़कंप
पोस्ट में चौधरी चंद्र कुमार के कल मंत्री पद से इस्तीफे की लिखी बात
सियासी हलचल : कृषि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार के बेटे नीरज भारती के पोस्ट से हिमाचल कांग्रेस में हड़कंप


धर्मशाला, 18 जून (हि.स.)। धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश की राजनीति में बुधवार देर शाम उस वक्त अचानक भूचाल आ गया, जब कृषि एवं पशुपालन मंत्री चौधरी चंद्र कुमार के पुत्र और पूर्व सीपीएस नीरज भारती ने सोशल मीडिया पर एक सनसनीखेज पोस्ट डाल दी। भारती ने अपने पोस्ट में साफ तौर पर लिखा कल चौधरी चंद्र कुमार मंत्री पद से इस्तीफा देंगे..... काम अगर दलालों के होंगे तो मंत्री बन के क्या फायदा। इस पोस्ट ने हिमाचल कांग्रेस सहित सियासी गलियारों में एक नई बहस और अटकलों को जन्म दे दिया है।

चौधरी चंद्र कुमार कांग्रेस के वरिष्ठ और कद्दावर नेताओं में शुमार हैं। वह ज्वाली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में कृषि एवं पशुपालन जैसे महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा संभाल रहे हैं। ऐसे में उनके बेटे द्वारा इस तरह का बयान आना, न केवल चौंकाने वाला है बल्कि सरकार और संगठन के बीच चल रही किसी अंदरूनी खींचतान की ओर भी इशारा करता है।

नीरज भारती का यह बयान कई सवाल खड़े करता है। नीरज भारती के काम अगर दलालों के होंगे वाला बयान सीधे तौर पर सरकार या प्रशासन में कथित तौर पर बिचौलियों के बढ़ते प्रभाव पर उंगली उठा रहा है। यह आरोप गंभीर है और अगर इसमें सच्चाई है, तो यह सुक्खू सरकार की छवि पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

यह पोस्ट संकेत देता है कि मंत्री चौधरी चंद्र कुमार या उनके परिवार के भीतर सरकार के कामकाज को लेकर गहरा असंतोष है। क्या यह असंतोष केवल उनके विभाग तक सीमित है या फिर यह व्यापक मुद्दों से जुड़ा है, यह अभी स्पष्ट नहीं है। क्या नीरज भारती का यह पोस्ट अपने पिता पर किसी विशेष मुद्दे पर दबाव बनाने की रणनीति है? या फिर यह पार्टी हाईकमान और मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाने का एक तरीका है, ताकि किसी समस्या का समाधान हो सके। अगर चौधरी चंद्र कुमार वास्तव में इस्तीफा देते हैं, तो यह सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के लिए एक बड़ा झटका होगा, खासकर ऐसे समय में जब लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक समीकरणों में बदलाव की चर्चाएं चल रही हैं।

जानकारों का मानना है कि यह घटनाक्रम कांग्रेस पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकता है। एक ओर जहां पार्टी को अपने वरिष्ठ मंत्री के बेटे द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देना होगा, वहीं दूसरी ओर संभावित इस्तीफे से उत्पन्न होने वाले राजनीतिक संकट से भी निपटना होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया