अनुसूचित जनजातियों के स्कूली विद्यार्थियों हेतु डीयू ने शुरू की 'जयहिंद' योजना
नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने बुधवार को वाइस रीगल लॉज स्थित काउंसिल हॉल में जनजातीय इमर्सिव होलिस्टिक इंटरवेंशन फॉर नोवल डेवलपमेंट (जयहिंद) नामक एक नई योजना की शुरूआत की। उन्होंने बताया कि इसमें छात्रों को कंप्यूटर चलाना औ
डीयू के कुलपति


नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने बुधवार को वाइस रीगल लॉज स्थित काउंसिल हॉल में जनजातीय इमर्सिव होलिस्टिक इंटरवेंशन फॉर नोवल डेवलपमेंट (जयहिंद) नामक एक नई योजना की शुरूआत की। उन्होंने बताया कि इसमें छात्रों को कंप्यूटर चलाना और सीयूईटी के लिए आवेदन करने के तरीकों के बारें बताया जाएगा।

इस अवसर पर शिक्षा मंत्रालय के सचिव डॉ. विनीत जोशी मुख्य अतिथि रहे और कार्यक्रम की अध्यक्षता डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने की।

पत्रकारों से बात करते कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि जयहिंद योजना का उद्देश्य अनुसूचित जनजातियों विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों से संबंधित स्कूली विद्यार्थियों (9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक) को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना है। ताकि वह एक स्थायी आजीविका हासिल करने की क्षमता प्राप्त कर सकें।

योगेश सिंह ने बताया कि इन विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा तक बेहतर पहुंच के लिए तैयार करने हेतु कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि यह योजना पहली बार 17 जून से दो सप्ताह की अवधि के लिए लागू की गई है।

उन्होंने बताया कि इसमें मणिपुर के उखरूल जिले के चार सरकारी स्कूलों के 25 विद्यार्थियों (12 लड़कियां और 13 लड़के) का चयन योग्यता के आधार पर किया गया है। ये सभी विद्यार्थी तांगखुल नागा जनजाति के हैं। इन्हें 17 से 29 जून तक कौशल प्रशिक्षण और सीयूईटी ओरिएंटेशन दिया जाएगा।

मुख्य अतिथि डॉ. विनीत जोशी ने चुने गए विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके लिए यह एक स्वर्णिम अवसर है। यहां उन्हें दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ-साथ दिल्ली को भी जानने का मौका मिलेगा।

उन्होंने विश्वास जताया कि अनुसूचित जनजातियों के ये विद्यार्थी दिल्ली विश्वविद्यालय से बहुत कुछ नया सीख कर जाएंगे जो इनके जीवन में बहुत काम आएगा। उन्होंने विद्यार्थियों को जानकारी देते हुए कहा कि देश के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश सीयूईटी के माध्यम से ही होता है। इसलिए उच्चतर शिक्षा की योजना बनाने में भी यहां से बहुत सहायता मिलेगी।

जोशी ने प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना का उद्देश्य मेधावी विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी इस योजना के माध्यम से बिना किसी वित्तीय बाधा के उच्च शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम हो सकते हैं।

डीयू की डीन अकादमिक प्रो. के. रत्नाबली ने जयहिंद योजना के बारे जानकारी देते हुए बताया कि इन विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षित किए जाने वाले कौशल का चयन स्थानीय संदर्भ में उनकी प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।

इस अवसर पर डीयू के डीन ऑफ कॉलेज प्रो. बलराम पाणी, दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. प्रकाश सिंह, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो, रजिस्ट्रार डॉ विकास गुप्ता और डीयू पीआरओ एवं चेयरपर्सन कल्चर काउंसिल अनूप लाठर सहित अनेकों अधिकारी, शिक्षक और जयहिंद योजना में चयनित सभी विद्यार्थी उपस्थित रहें।

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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी