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गुवाहाटी, 18 जून (हि.स.)। राजधानी के नीलाचल पहाड़ स्थित विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ कामाख्या मंदिर में इस वर्ष 22 से 26 जून तक अंबुवासी महायोग का पावन पर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर अंबुबासी महायोग परिचलना समिति द्वारा बुधवार आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दी गई जानकारी के अनुसार, अंबुबासी महायोग की प्रवृत्ति 22 जून को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट और 27 सेकंड पर होगी। इसके साथ ही 22, 23, 24 और 25 जून को मंदिर के गर्भगृह के द्वार भक्तों के लिए बंद रहेंगे। 26 जून की सुबह देवी के स्नान और नित्य पूजन के उपरांत मंदिर के द्वार पुनः तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे।
इस अवधि के दौरान विशेष दर्शन की सुविधा, जो सामान्यतः 501 रुपये में उपलब्ध होती है, 26 और 27 जून को स्थगित रहेगी। इसके साथ ही 21 जून से 30 जून तक वीआईपी और वीवीआईपी दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस बार नीलाचल पर्वत और उसके आस-पास तीर्थयात्रियों के ठहरने या भोजन वितरण की अनुमति नहीं होगी, जिससे क्षेत्र की स्वच्छता और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हालांकि, पदयात्रा मार्गों और मोटर मार्गों पर जगह-जगह पानी, चिकित्सा सहायता और विश्राम की सुविधा रहेगी ताकि भक्तों को कोई कठिनाई न हो।
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे शांतिपूर्वक और अनुशासन के साथ पंक्तिबद्ध रूप में पहाड़ी पर चढ़ें, मंदिर की परिक्रमा करें और धार्मिक माहौल बनाए रखने में सहयोग करें। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मंदिर के 120 स्थायी सुरक्षा कर्मियों के साथ 400 स्काउट-गाइड, 150 स्वयंसेवक और 250 अस्थायी सुरक्षाकर्मी नियुक्त किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, पूरे मंदिर परिसर में 500 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना पर नजर रखी जा सके। सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए मंदिर के 200 स्थायी सफाई कर्मचारियों के अलावा 110 अस्थायी कर्मियों की नियुक्ति की गई है।
26 जून को दर्शन के लिए आने वाले भारी संख्या में भक्तों को ध्यान में रखते हुए बंशीबागान क्षेत्र में अस्थायी विश्राम स्थल, चिकित्सा सुविधा, पेयजल और शौचालय की व्यवस्था की गई है। अंबुबासी महायोग के आयोजन में सहयोग देने वाली संस्थाओं और स्वयंसेवकों के लिए मंदिर प्रशासन की ओर से ठहरने और भोजन की व्यवस्था की गई है।
भीड़ प्रबंधन के तहत, 26 जून की शाम 6 बजे के बाद नीलाचल पर्वत पर किसी भी भक्त को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। साथ ही पांडु से कामाख्या मंदिर को जोड़ने वाला मार्ग भूस्खलन के चलते बंद रहेगा। मंदिर परिसर में जूते-चप्पल रखने की कोई सुविधा नहीं होगी, इसलिए भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने जूते-चप्पल निचले कामाख्या फ्लाईओवर के नीचे ही रखें। मंदिर प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि खोए हुए जूते-चप्पलों की जिम्मेदारी प्रशासन की नहीं होगी।
चूंकि, नीलाचल पर्वत को धूम्रपान और नशा मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है, अतः सभी भक्तों और आगंतुकों से अपील की गई है कि वे नशे की स्थिति में मंदिर में प्रवेश न करें और इस दिशा में प्रशासन को पूर्ण सहयोग दें। मंदिर समिति और प्रशासन ने सभी तीर्थयात्रियों से अंबुवासी महायोग के दौरान शांति, अनुशासन और सहयोग के साथ धार्मिक भावना से ओतप्रोत होकर इस पर्व को सफल बनाने की अपील की है।
इसके साथ ही राज्य प्रशासन से 24 घंटे पेयजल, विद्युत, स्वास्थ्य सेवाएं, शौचालय, स्वच्छता और सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / देबजानी पतिकर