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विद्यार्थियों ने किया परीक्षा का बहिष्कार
दबाव डालने का आरोप
हिसार, 16 जून (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में स्कॉलरशिप नीति में
बदलाव और छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में विद्यार्थियों पर विश्वविद्यालय
की अपील व परीक्षाएं करवाने के ऐलान का कोई नहीं हो रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा रविवार
को स्टाइफंड जारी रखने का पत्र जारी करने व अन्य मांगे मानने के आश्वासन के बावजूद
विद्यार्थियों का धरना लगातार जारी है। सोमवार को विश्वविद्यालय में पेपर शुरू हुए
परंतु विद्यार्थियों ने परीक्षा का विरोध करते हुए इसका बहिष्कार किया।
एक जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय में लगभग 1700 विद्यार्थियों का पेपर था।
इनमें से 13 विद्यार्थी ही पेपर देने पहुंचे और इनमें से नौ छात्र विदेशी है और बाकी
प्रोफेसरों के बच्चे हैं।
छात्रों ने आरोप लगाया कि हमने पेपर देने से पहले ही साफ
मना कर दिया था। जब तक उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं होती, तब तक वह परीक्षा का
बहिष्कार करेंगे।
छात्रों का आरोप है कि प्रोफेसरों ने उन पर दबाव बनाया कि अगर पेपर
नहीं दोगे तो आप पर केस बना दिया जाएगा, धारा 163 लागू के चलते धरना न दें। छात्रों
ने यह भी आरोप लगाया कि प्रोफेसर कुछ छात्र-छात्राओं को हॉस्टल में जाकर जबरदस्ती पेपर
दिलाने ले गए।
हकृवि में धरना दे रहे छात्रों को समर्थन देने के लिए पूर्व विधायक रामनिवास
घोड़ेला और पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के सदस्य धरने पर पहुंचे। इस दौरान
छात्रों व किसानों ने मिलकर वीसी के पुतले का दहन किया।
इन कॉलेजों के छात्रों का था पेपर
विश्वविद्यालय में सोमवार को कॉलेज ऑफ कम्युनिटी साइंस, कॉलेज ऑफ बेसिक साइंस,
कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, बावल, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग,
कॉलेज ऑफ बायो टेक्नोलॉजी, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, हिसार व कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, कौल,
कुरुक्षेत्र में परीक्षाएं थी।
थिसिस सेमिनार के लिए अंडरटेकिंग साइन करने से किया मना
धरना दे रहे छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि पीएचडी के छात्र थिसिस सेमिनार
देना चाहते हैं। वरना उनकी डिग्री पूरी नहीं हो पाएगी। ऐसे में सभी थिसिस सेमिनार देने
पर सहमत हो गए। मगर प्रोफेसर उनसे बोले कि पहले अंडरटेकिंग साइन करवाना पड़ेगा। इसके
बाद ही थिसिस सेमिनार लेंगे। 15 से 20 छात्रों को धरने से उठाकर अपने साथ लेकर आओ।
तभी अंडरटेकिंग साइन करेंगे।
पेपर में अपीयर होने के लिए दबाव बनाने का आरोप
विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने धारा 163 लगाकर छात्रों को
पेपर में अपीयर होने के लिए दबाव डाला। उसके बावजूद स्टूडेंट्स की एकता बनी रही और
1700 स्टूडेंट्स में से सिर्फ 13 बच्चे पेपर देने पहुंचे। इसमें से 9 विदेशी, तीन दूसरे
राज्यों के हैं और एक स्टाफ सदस्य का बेटा है ।
हॉस्टल में जाकर छात्रों को धमकाया
छात्रों ने आरोप लगाया कि वार्डन ने मेल पुलिसकर्मियों के साथ जाकर गर्ल्स
हास्टल में जाकर दरवाजा खटखटाया और छात्राओं पर पेपर देने के लिए दबाव बनाया। उस दौरान
प्रोफेसरों व छात्रों के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर