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सोनीपत, 16 जून (हि.स.)। सामान्य अस्पताल सोनीपत और पीजीआईएमएस रोहतक की कथित लापरवाही
के कारण मासूम बच्ची प्रासिका की मृत्यु के विरोध में न्याय युद्ध मंच द्वारा
सांकेतिक धरना सोमवार को दिया गया। यह प्रदर्शन केवल एक विरोध नहीं, बल्कि स्वास्थ्य
व्यवस्था में सुधार और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का जनआंदोलन बन गया।
धरने का नेतृत्व लोकसेवक देवेंद्र गौतम ने किया, जिसमें पीड़ित
परिवार के साथ सामाजिक संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, विभिन्न राजनीतिक दलों व आम नागरिकों
ने सहभागिता निभाई। देवेन्द्र गौतम ने स्पष्ट किया कि यह धरना अंतिम लड़ाई नहीं है।
जब तक न्याय नहीं मिलता और व्यवस्था नहीं सुधरती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने
सरकार को सात दिन का अल्टीमेटम दिया और चेतावनी दी कि यदि इस अवधि में मांगे पूरी नहीं
हुईं तो अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा।
धरने के दौरान मंच ने सरकार के समक्ष 11 सूत्रीय मांगें रखीं
जिनमें शामिल हैं चिकित्सा लापरवाही को गंभीर अपराध घोषित करना, दोषियों पर कार्रवाई,
अमानवीय टिप्पणी करने वाली मुख्य चिकित्सा अधिकारी का तबादला, दोनों अस्पतालों की उच्चस्तरीय
जांच, बच्चों के लिए पीआईसीयू सुविधा, वेंटिलेटर ऑपरेटरों की नियुक्ति, ओपीडी पर्ची
काउंटर बढ़ाना, आरोपित चिकित्सकों को हटाना, ब्लड कंपोनेंट मशीन और नया भवन बनवाना,
तथा नागरिक अस्पताल की सुविधाओं का व्यापक सुधार।
इंडियन नेशनल कांग्रेस से एडवोकेट मनोज गोहाना, इनेलो जिलाध्यक्ष
कुणाल गहलावत, आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेंद्र अहलावत, डिस्ट्रिक्ट बार
एसोसिएशन से रविंद्र शर्मा, रक्षक मंच से मंजीत दहिया और डॉक्टर योगी मलिक, मां भारती
रक्तवाहिनी से प्रेम गौतम, अजय अरोड़ा और रामबीर शर्मा, समाजसेविका ममता सरोहा, मुस्लिम
समाज सेवा समिति से हाजी मुल्तान, आवामी खिदमत समिति के प्रतिनिधि, प्रोफेसर और समाजसेवी
अजय दहिया, रायपुर गांव से हवासिंह सहित कई लोग मौजूद रहे।
धरना देने वालों में रणबीर सिंह, राकेश, कमल, आमीन, योगेश
पाल, अजय टाक, शेर मुहम्मद, सत्तार, कृष्ण गोहाना, पीड़ित मरीज साहिल पांचाल, मरीज
भरपाई, मरीज कृष्ण जसराना, विक्रमजीत, राजेश गोहाना, अमित मुकिमपुर, प्रवेश, प्रदीप
अत्रि सहित सैकड़ों लोग शामिल हुए। संगठनों
के प्रतिनिधियों ने समर्थन दिया। सभी ने स्पष्ट किया कि वे मंच के साथ एकजुट हैं और
न्याय मिलने तक साथ देंगे। यदि एक सप्ताह में सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन
को तेज किया जाएगा, जिसकी समस्त ज़िम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना