ईरान-इजराइल संघर्ष पर एर्दोगन की ट्रंप से अपील- ‘मध्य पूर्व में तबाही रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई जरूरी’
ईरान-इजराइल संघर्ष पर एर्दोगन की ट्रंप से अपील- ‘मध्य पूर्व में तबाही रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई जरूरी’


अंकारा/वॉशिंगटन, 15 जून (हि.स.)। तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से रविवार को फोन पर बातचीत में ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष को रोकने के लिए “तत्काल कार्रवाई” की अपील की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हालात पर काबू नहीं पाया गया, तो यह संघर्ष पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र में तबाही ला सकता है।

तुर्किए राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, “राष्ट्रपति एर्दोगन ने राष्ट्रपति ट्रंप की हालिया टिप्पणी की सराहना की, जिसमें उन्होंने ईरान-इजराइल संघर्ष को सुलझाने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने जोर दिया कि इस संघर्ष को क्षेत्र में फैलने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।”

24 घंटे में दूसरी बार हुई बातचीत

यह फोन वार्ता 24 घंटों के भीतर दोनों नेताओं के बीच दूसरी बार हुई है, जिससे दोनों देशों की चिंता और सक्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। इस दौरान एर्दोगन ने कहा कि “इजराइल द्वारा ईरान पर किए गए हमलों ने हिंसा का जो चक्र शुरू किया है, उससे दोनों देशों को अपूरणीय आर्थिक और नागरिक क्षति पहुंची है। अब समय है कि इस खतरनाक हालात पर विराम लगाया जाए।”

क्षेत्रीय स्थिरता पर संकट

तुर्किए की ओर से पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है कि अगर ईरान और इजराइल के बीच की लड़ाई और तेज होती है, तो इससे सीरिया, लेबनान, इराक और खाड़ी देशों में भी अस्थिरता बढ़ सकती है। तुर्किए खुद सीरिया और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय सैन्य भूमिका निभा चुका है, ऐसे में उसकी चिंता सीमा-पार असर को लेकर काफी गंभीर है।

ट्रंप की मध्यस्थता भूमिका पर नजर

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि वे ईरान और इजराइल के बीच समझौते की संभावना देख रहे हैं, और वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को भी इस मसले में मध्यस्थता के लिए तैयार देख रहे हैं। एर्दोगन के इस बयान के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को नई गति मिल सकती है, खासकर यदि अमेरिका, तुर्किए और रूस जैसे प्रमुख खिलाड़ी समन्वय में आगे बढ़ें।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय