जीएमसी सेवाओं का निरंतर उन्नयन सरकार की मुख्य चिंता-मुख्य सचिव
जीएमसी सेवाओं का निरंतर उन्नयन, सरकार की मुख्य चिंता-मुख्य सचिव


श्रीनगर 15 जून (हि.स.)। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने मेडिकल कॉलेजों के संबद्ध अस्पतालों में प्रदान की जा रही महत्वपूर्ण अवसंरचना और सेवाओं की विस्तृत समीक्षा की, साथ ही प्रत्येक कॉलेज में संकाय और पाठ्यक्रमों की स्थिति का आकलन किया।

इस संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने विशेषज्ञता पाठ्यक्रम (एमडी/एमएस, डीएम/एमसीएच और डीएनबी) शुरू करने, नए मेडिकल कॉलेजों में 50 एमबीबीएस सीटों की वृद्धि, संकाय भर्ती की स्थिति और सभी नव स्थापित जीएमसी में तृतीयक देखभाल सेवाओं को मजबूत करने में हुई प्रगति का गहन विश्लेषण किया।

मुख्य सचिव ने विभाग को इन स्वास्थ्य संस्थानों द्वारा अपनी सेवाओं को विशेष रूप से क्रिटिकल केयर, इमरजेंसी, न्यूरोलॉजिकल, कार्डियक केयर, कैंसर केयर, किडनी केयर और रेडियोलॉजी सेवाओं जैसी तृतीयक देखभाल सेवाओं को उन्नत करने के लिए निरंतर प्रयास करने पर जोर दिया। उन्होंने मेडिकल कॉलेजों के पिं्रसिपलों को इन कॉलेजों में ऐसी उच्च-स्तरीय सेवाएं शुरू करने के लिए उपलब्ध बुनियादी ढांचे और जनशक्ति के आधार पर समय-सीमा बनाने पर जोर दिया। उन्होंने उन्हें ऐसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करने तथा जम्मू और श्रीनगर में स्किम्स और जीएमसी से आवश्यक सहायता लेने की सलाह दी।

उन्होंने समय पर हस्तक्षेप करके रोगियों के जीवन को बचाने के लिए चिन्हित महत्वपूर्ण देखभाल सेवाओं में सेवाओं को बढ़ाने के लिए त्वरित उपाय करने पर जोर दिया। उन्होंने कर्मचारियों के प्रशिक्षण के संबंध में स्किम्स या जीएमसी जम्मू/श्रीनगर से अपेक्षित सहायता प्राप्त करने के अलावा ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए आवश्यक छोटे उपकरण, उपभोग्य वस्तुएं प्राप्त करने पर जोर दिया।

मुख्य सचिव ने मेडिकल कॉलेज के प्रत्येक पिं्रसिपल से उनके कॉलेजों में सफलतापूर्वक शुरू किए गए एमडी/एमएस, डीएम/एमसीएच और डीएनबी जैसे नए विशेष पाठ्यक्रमों के साथ-साथ इस वर्ष एनएमसी को किए गए आवेदनों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने अगले शैक्षणिक वर्ष से पहले एनएमसी की मंजूरी प्राप्त करने के लिए निर्धारित मानदंडों के अनुसार इन आवेदनों का गंभीरता से अध्ययन करने का आह्वान किया।

जहां तक अतिरिक्त 50 एमबीबीएस सीटों की शुरूआत का सवाल है मुख्य सचिव ने अपेक्षित संकाय हासिल करने पर जोर दिया। उन्होंने सहायक प्रोफेसरों के सभी प्रवेश स्तर के पदों को भरने के अलावा अकादमिक व्यवस्था के आधार पर कर्मचारियों की भर्ती जैसे कदम उठाने का आग्रह किया जहां डीपीसी के संचालन के माध्यम से प्रोफेसरों और एसोसिएट प्रोफेसरों के उच्च पदों को भरने के लिए कोई व्यवहार्य उम्मीदवार उपलब्ध नहीं हैं।

बैठक में बताया गया कि जीएमसी कठुआ को एनेस्थीसिया में 4 डीएनबी सीटों के संबंध में मंजूरी मिली है, जबकि आईजीजीडीसी जम्मू को पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री में 3 सीटें शुरू करने की अनुमति मिली है, नए मेडिकल कॉलेजों में अतिरिक्त 50 एमबीबीएस सीटें बढ़ाने के संबंध में उन्होंने बताया कि यूटी के सभी नौ मेडिकल कॉलेजों द्वारा आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं और उनमें से कुछ का हाल ही में निरीक्षण किया गया है जबकि अन्य एनएमसी के निरीक्षण की मंजूरी के लिए इंतजार कर रहे हैं।

नए मेडिकल कॉलेजों में संकाय भर्ती के संबंध में बैठक में बताया गया कि एपी के रिक्त पदों को भरने के लिए पीएससी को भेजा गया है जबकि एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसरों के पदों को जहां भी संभव हो पदोन्नति करके और अन्य स्थानों पर शैक्षणिक व्यवस्था पर उम्मीदवारों को लेकर भरा जा रहा है।

जहां तक प्रमुख बुनियादी ढांचे और विकास परियोजनाओं की प्रगति का सवाल है बैठक में बताया गया कि प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम में तेजी लाई जा रही है।

इसके अलावा यह भी बताया गया कि पीएम अभिम योजना के तहत निविदा और कार्य आवंटन इन परियोजनाओं पर तेजी से काम के साथ पूरा हो गया है। उन्होंने यह भी बताया कि 100 बिस्तरों वाले 2 सीसीबी और 50 बिस्तरों वाले 7 सीसीबी के साथ-साथ 20 डीआईपीएचएल और 236 ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट सहित सभी क्रिटिकल केयर ब्लॉकों पर काम प्रगति पर है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता