वर्सोवा आरटीएस का होगा आधुनिकीकरण
वर्सोवा आरटीएस का होगा आधुनिकीकरण


विमान दुर्घटना से बचाव की तैयारी

मुंबई, 14 जून (हि.स.)। अहमदाबाद विमान हादसे के बाद लोग सकते में हैं। पक्षियों के टकराने की संभावित घटनाओं को रोकने के लिए मुंबई मनपा प्रशासन सक्रिय हो गया है। मुंबई हवाई अड्डे के करीब वर्सोवा ठोस अपशिष्ट निपटान स्टेशन (आरटीएस) के आधुनिकीकरण के प्रस्ताव पर काम तेज हो गया है। इस क्षेत्र को ढंका जाएगा ताकि कचरे के ढेर में भोजन की तलाश में मंडराने वाले पक्षियों को रोका जा सके।

वर्सोवा आरटीएस मुंबई हवाई अड्डे से 8 किमी दूर स्थित है और 8,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां रोजाना 400-450 मीट्रिक टन ठोस कचरे का निपटान किया जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार हवाई अड्डों और एयरबेस से कम से कम 20 किमी (विशेष मामलों में 10 किमी) की दूरी पर खुले लैंडफिल नहीं होने चाहिए। वर्सोवा आरटीएस हवाई अड्डे के करीब है, इसिलए उसके आधुनिकीकरण का प्रस्ताव रखा गया है। यहां खुले में कचरा होने के कारण चील और कौवे भोजन की तलाश में मंडराते रहते हैं, जिनके विमानों से टकराने का खतरा बना रहा है। एटीएस के. आधुनिकीकरण प्रस्ताव के तहत पूरे भूभाग को जाल से ढका जाएगा. पक्षियों को वहां झुंड में आने से रोकने के लिए छतें बनाई जाएंगी. आस-पास आवासीय इमारतें हैं, इसलिए इस जगह को गंध-मुक्त बनाने के लिए एक प्रणाली स्थापित की जाएगी। मुंबई में मनपा के महालक्ष्मी, कुर्ला, वर्सोवा और गोराई में चार आरटीएस हैं. आरटीएस एक अपशिष्ट प्रसंस्करण स्थल है जो ठोस अपशिष्ट के अस्थायी जमाव और एकत्रीकरण के लिए काम करता है।

मनपा अधिकारियों के अनुसार मनपा प्रशासन और हवाई अड्डे के अधिकारी इस मामले पर लगातार बैठकें कर रहे हैं। जोर दिया जा रहा है कि वहां पड़े ठोस कचरे को इस तरह से साफ किया जाए कि पक्षियों को आकर्षित न करे। योजना अंतिम चरण में है। विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी मिलने के बाद वर्सोवा आरटीएस के आधुनिकीकरण के टेंडर जारी किए जाएंगे। विमानन क्षेत्र के जानकार बताते हैं कि जब कोई पक्षी विमान के पंख से टकराता है, तो उसमें गड्ढा बन जाता है, जिससे स्थिरता की समस्या निर्माण होती है। यदि कोई पक्षी गलती से इंजन में घुस जाए, तो इंजन पूरी तरह से फेल हो जाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार