हाई मदरसा में 15 लोगों की नियुक्ति पर उठे सवाल, सचिव और जिलाधिकारी करेंगे जांच
हाई मदरसा में 15 लोगों की नियुक्ति पर उठे सवाल, सचिव और जिलाधिकारी करेंगे जांच


बीरभूम, 12 जून (हि.स.)।

बीरभूम जिले के मड़ग्राम हाई मदरसा में शिक्षकों की नियुक्ति में अनियमितता का आरोप लगाते हुए मदरसा बोर्ड व जिला प्रशासन को लिखित शिकायत दिए जाने के बाद बुधवार अपराह्न राज्य अल्पसंख्यक मामले व मदरसा शिक्षा विभाग के सचिव पीबी सलीम व जिलाधिकारी बिधान रॉय शिकायत की जांच करने पहुंचे। उनके साथ रामपुरहाट एसडीओ, स्थानीय बीडीओ, पुलिस व प्रशासन के अधिकारी थे। उन्होंने पाया कि मदरसा में 11 शिक्षकों व चार गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति पूरी तरह से अवैध तरीके से की गयी है। मदरसा सेवा आयोग के अस्तित्व में होने के बावजूद जिला प्रशासन का दावा है कि प्रधानाध्यापक व प्रबंध समिति के माध्यम से इनकी नियुक्ति की गयी है, जो अवैध है। जिलाधिकारी ने उन्हें स्कूल न आने को कहा, उसके बाद पुलिस ने उन 15 लोगों को स्कूल से बाहर निकाल दिया। जिलाधिकारी ने उन शिक्षकों को फर्जी बताने के साथ ही ग्रामीणों से कहा कि उन्हें स्कूल में प्रवेश न करने दें। लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के बाद 15 लोगों को 2019 में नियुक्ति पत्र दिया गया था। सेवा में शामिल होने के बावजूद वेतन नहीं मिलने पर उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। कथित तौर पर उन्होंने इस बीच स्कूल आना बंद कर दिया था। बाद में कोर्ट ने पूर्व जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। कमेटी ने जांच कर नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों द्वारा दायर जवाबी मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया था कि वे सत्यापन करें और संतुष्ट होने पर वेतन दें। उन्होंने अपना वेतन पाने के लिए डीआई कार्यालय में फाइल जमा की। तृणमूल मदरसा शिक्षक संघ ने इसका विरोध किया था। संगठन के जिला अध्यक्ष फजले मौला खान ने कहा कि मदरसा सेवा आयोग के अस्तित्व में होने के बावजूद स्कूल प्रबंधन समिति ने पैसे के बदले अवैध नियुक्तियां की हैं। हमने अल्पसंख्यक विभाग में भी शिकायत की है। शिकायतों की जांच के बाद राज्य के विभिन्न मदरसों के 498 लोगों को फर्जी घोषित किया गया है। अनियमितताओं की सूची में शामिल शिक्षक रियाज काजल ने कहा, मैंने मदरसे का विज्ञापन देखकर परीक्षा देकर नौकरी पाई थी। हेडमास्टर को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उन्होंने संदेशों का जवाब नहीं दिया। एआई गुलाम किबरिया ने कहा, हमें उन शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में कोई जानकारी नहीं है। प्रशासन मामले की जांच कर रहा है। प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा, केवल नियुक्ति ही नहीं, बल्कि मिड-डे मील में भी अनियमितता हो रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय