Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कोलकाता, 12 जून (हि.स.)।
आगामी 27 जून को होने वाली रथ यात्रा की तैयारी की समीक्षा के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को राज्य सचिवालय नवान्न में एक उच्च स्तरीय बैठक करेंगी। भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा पहले ही संपन्न हो चुकी है। ओडिशा के पुरी में यह परंपरा सदियों से श्रद्धापूर्वक निभाई जाती रही है। इस बार पश्चिम बंगाल के दीघा स्थित नवनिर्मित जगन्नाथ मंदिर में भी स्नान यात्रा का आयोजन भव्य रूप से हुआ।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपने बगीचे के आम और कटहल भगवान जगन्नाथ को अर्पित किए। आज मुख्यमंत्री नवान्न में रथ यात्रा को लेकर एक अहम बैठक करने जा रही हैं। इस बैठक में मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
मुख्यमंत्री इस बैठक के माध्यम से रथ यात्रा के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा करेंगी। रथ यात्रा के दौरान कोलकाता की सड़कों पर भी भारी भीड़ उमड़ती है। खासकर इस्कॉन द्वारा आयोजित रथ यात्रा का आयोजन अत्यंत भव्य होता है। इसी को देखते हुए इस बार सुरक्षा और व्यवस्था से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इस्कॉन के प्रतिनिधियों को भी इस बैठक में आमंत्रित किया गया है। विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों की उपस्थिति भी अपेक्षित है।
इस बार कोलकाता के साथ-साथ दीघा में भी रथ यात्रा आयोजन के केंद्र में आ गया है। अक्षय तृतीया के दिन मुख्यमंत्री ने दीघा में नव निर्मित जगन्नाथ मंदिर का शुभारंभ किया था। इस कारण दीघा की ओर भी राज्य सरकार और श्रद्धालुओं की विशेष नजर है। दीघा में पहली बार रथ यात्रा निकलेगी, जिसमें जगन्नाथ, बलराम और सुभद्रा तीन अलग-अलग रथों में ध्वजा फहराते हुए मौसी घर की ओर प्रस्थान करेंगे।
गौरतलब है कि ग्यारह जून को दीघा में भी भगवान जगन्नाथ की स्नान यात्रा पूरी हो चुकी है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि रथ यात्रा के दिन दीघा में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ेगी। इसलिए न केवल श्रद्धालुओं की सुविधा, बल्कि सुरक्षा के व्यापक इंतजामों पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
दीघा में छत्तीस चक्कों वाले तीन विशाल रथ बनाए गए हैं नंदघोष, तालध्वज और देवदालन। दीघा के मंदिर परिसर में कुल आठ प्रवेश द्वार हैं, हालांकि रथयात्रा किस गेट से निकलेगी, यह स्पष्ट नहीं है। प्रशासन ने मार्ग से सभी प्रकार की बाधाएं जैसे बिजली के तार, पेड़ों की टहनियां और अन्य अवरोधक वस्तुओं को हटा दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय