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नागपुर, 12 जून (हि.स.)। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के बारे में कहा कि वे ऐसे नेता है, जिनको उनकी खुद की पार्टी गंभीरता से नहीं लेती। गडकरी ने राहुल की ओर से प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को कोई भी चिठ्ठी भेज सकता है, लेकिन हर खत का जवाब देना और उस पर बात करना जरूरी नहीं है।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेस में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र की एनडीए सरकार की उपलब्धियों को बताया। उन्होंने लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की ओर से प्रधानमंत्री को भेजी गई एक चिठ्ठी पर अपनी राय रखी। पीएम मोदी को पत्र लिखकर राहुल ने कहा है कि दलित, एसटी, ईबीसी, ओबीसी और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आवासीय छात्रावासों की स्थिति बहुत दयनीय है। वंचित वर्ग के छात्रों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में देरी को हल करने का आग्रह करते हुए राहुल गांधी कहा कि ये दोनों मुद्दे इन वर्गों के 90 प्रतिशत छात्रों के शिक्षा के अवसर में बाधा डालते हैं।
इस बारे में जब केंद्रीय मंत्री से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को खुद उनकी पार्टी गंभीरता से नहीं लेती। इस बारे में मुझे कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। प्रजातंत्र में प्रधानमंत्री को कोई भी खत लिख सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि हर खत का जबाब दिया जाए। गडकरी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि वह राहुल की हर बात पर बयान देना उचित नहीं मानते।
गडकरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की 11 साल की उपलब्धियों की प्रशंसा की। गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा और एनडीए की सरकार के 11 साल पूरे हुए। यह कार्यकाल बदली देश में बदली हुई सरकार नहीं, बल्कि बदले हुए युग का प्रतीक है। इस कार्यकाल में हमारे देश की समृद्धि, सुरक्षा, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक गौरव चारों आयामों में पीएम मोदी के नेतृत्व में अभूतपूर्व युगांतकारी परिवर्तन हुए हैं। ------------------
हिन्दुस्थान समाचार / मनीष कुलकर्णी