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नई दिल्ली, 13 जून (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में स्थापित प्रत्येक अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) उन्नत नैदानिक देखभाल, उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान उत्कृष्टता को एकीकृत करता है। प्रत्येक एम्स स्वास्थ्य सेवा नवाचार और एक-दूसरे से सीखने के केंद्र के रूप में कार्य करता है, जिससे अस्पताल में समान, सस्ती और साक्ष्य-आधारित स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जाती है। एम्स सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने, देखभाल के मानकों को बढ़ाने और स्वास्थ्य सेवा नेताओं की एक नई पीढ़ी को विकसित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
जेपी नड्डा शुक्रवार को नागपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मंत्रालय द्वारा आयोजित “सर्वोत्तम प्रथाओं” पर सम्मेलन के पहले संस्करण को वर्चुअल माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न एम्स संस्थानों द्वारा अपनाई गई अनुकरणीय प्रथाओं को प्रदर्शित करना है, जिसमें रोगी-केंद्रित देखभाल, परिचालन दक्षता, डिजिटल परिवर्तन और अकादमिक उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसमें देशभर के एम्स संस्थानों (एम्स भोपाल, एम्स जम्मू, एम्स बिलासपुर, एम्स जोधपुर, एम्स नागपुर, एम्स देवघर, एम्स पटना, एम्स गोरखपुर, एम्स गुवाहाटी, एम्स रायपुर) के साथ-साथ प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) प्रभाग और रक्षा मंत्रालय की भी भागीदारी है। इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का उद्घाटन भाषण दिया।
इस मौके पर जेपी नड्डा ने कहा यह सम्मेलन एक अग्रणी पहल है, जो तीन प्रमुख क्षेत्रों में नए एम्स के समृद्ध अनुभवों को समेकित करने का प्रयास करता है जिसमें शिक्षण-अधिगम और अनुसंधान; अस्पताल सेवा; और शासन -रोगी सुविधा शामिल है। नड्डा ने भविष्य की स्वास्थ्य सेवा चुनौतियों का सामना करने के लिए डॉक्टरों को तैयार करने में एम्स द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी कहा कि “शिक्षण-अधिगम के क्षेत्र में, योग्यता आधारित चिकित्सा शिक्षा पाठ्यक्रम को अपनाना, डिजिटल शिक्षण में निवेश, अत्याधुनिक सिमुलेशन प्रयोगशालाएं और मेंटरशिप कार्यक्रमों का कार्यान्वयन शैक्षिक उत्कृष्टता के प्रति गहरी प्रतिबद्धता का संकेत देता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि नए एम्स क्षेत्रीय रूप से प्रासंगिक अध्ययनों, नैतिक नैदानिक परीक्षणों और अनुवाद संबंधी शोध के माध्यम से भारत की वैज्ञानिक प्रगति में तेजी से योगदान दे रहे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी