महेशतला की घटना के बाद बजबज में विस्फोटक सामग्री बरामद, पांच गिरफ्तार
महेश तल्ला घटना से जुड़ा तार बज से पांच गिरफ्तार


कोलकाता, 12 जून (हि.स.)। महेशतला में दो गुटों के बीच हिंसक झड़प के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। इसी बीच बुधवार रात बजबज थाना क्षेत्र से पुलिस ने भारी मात्रा में बम बनाने की सामग्री बरामद की है। इस मामले में भाजपा के एक सक्रिय कार्यकर्ता नवीनचंद्र राय समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक, बरामद सामग्री का इस्तेमाल महेशतला की घटना का बदला लेने के लिए किया जाना था।

डायमंड हार्बर पुलिस ने गुरुवार को बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर बुधवार रात करीब 8:45 बजे बजबज थाना क्षेत्र से तीन मोटरसाइकिलों पर ले जाई जा रही संदिग्ध वस्तुओं को रोका गया। तलाशी के दौरान पुलिस को बड़ी मात्रा में सोडियम पाउडर, दस किलो से अधिक एल्युमिनियम पाउडर, फॉस्फोरस डस्ट, रेड सल्फर और आयरन डस्ट मिला ,जो सभी बम बनाने में उपयोग किया जाता है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इन सामग्रियों से कितने बम बनाए जा सकते थे।

पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपित नवीनचंद्र राय ने खुद को भाजपा का सक्रिय कार्यकर्ता बताया है। पुलिस ने यह भी दावा किया कि रामनवमी के दिन बाटा मोड़ पर हुए हिंसक घटनाक्रम में नवीन को पुलिस बैरिकेड तोड़ते हुए देखा गया था। हालांकि, पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह विस्फोटक सामग्री कहां से लाई गई और इसके पीछे क्या मकसद था।

महेशतला में बुधवार को हुए सांप्रदायिक तनाव और बजबज में बरामद विस्फोटकों के बीच आपसी संबंध की पुष्टि करते हुए पुलिस ने बताया कि यह कार्रवाई उसी जांच का हिस्सा है। बजबज इलाके से गिरफ्तार किए गए सभी पांच आरोपित से पूछताछ जारी है।

इस कार्रवाई को लेकर राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पुलिस पर राजनीतिक एजेंडा चलाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर पुलिस को राजनीति करनी है तो वर्दी छोड़ दें और तृणमूल नेताओं की तरह सड़क पर उतरकर राजनीति करें। पुलिस की वर्दी पहनकर राजनीतिक नाटक न करें। अगर पुलिस आरएसएस को बदनाम कर रही है, तो मानहानि का मुकदमा ठोका जाना चाहिए।

वहीं, दक्षिण 24 परगना जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मिथुन दे ने माना कि महेशतला की घटना को रोकने में पुलिस पूरी तरह सफल नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि घटना धार्मिक कट्टरपंथ, पुलिस की विफलता और बल की कमी का परिणाम थी। हालांकि स्थिति को अब नियंत्रण में ले लिया गया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि निचले स्तर के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / अनिता राय