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जम्मू, 12 जून (हि.स.)। 3 जुलाई से शुरू होने वाली आगामी श्री अमरनाथ यात्रा की तैयारियाँ जोरों पर हैं इस साल लखनपुर जम्मू-कश्मीर का प्रवेशद्वार से लेकर दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित श्रीअमरनाथ गुफा मंदिर तक करीब 125 लंगर (सामुदायिक रसोई) लगाए जाएँगे।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लखनपुर से लेकर गुफा मंदिर तक करीब 125 लंगर लगाए जाएँगे जिसमें पहलगाम और बालटाल मार्ग भी शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि लंगर सामग्री और शेड लगाने के लिए ढांचागत उपकरण ले जाने वाले ट्रक 15 जून से जम्मू-कश्मीर पहुंचने लगेंगे। उन्होंने कहा कि लंगर लगाने की प्रक्रिया इस महीने के अंत तक पूरी हो जाएगी। इस साल 3 जुलाई से शुरू होने वाली 38 दिवसीय यात्रा रक्षा बंधन के दिन 9 अगस्त को समाप्त होगी। पहला जत्था 2 जुलाई को जम्मू से रवाना होगा।
अधिकारियों ने बताया कि यात्रा मार्गों के अलावा अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा लंगर संगठनों को अनुमति दिए जाने के बाद लखनपुर से श्रीनगर और पहलगाम और बालटाल तक 50 से अधिक लंगर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों के लंगर संगठन गुफा मंदिर के रास्ते में सामुदायिक रसोई स्थापित करेंगे। उन्होंने बताया कि कुल 25 लंगर बालटाल और दोमेल में, 13 पवित्र गुफा में, 8 शेषनाग में, 5 पिस्सूटॉप में, 12 पंचतरणी में, 7 चंदनवारी में, 9 नुनवान में और 5 जोजीबल में आयोजित किए जाएंगे। जम्मू बेस कैंप यात्री निवास भगवती नगर में पांच लंगर और जम्मू-पठानकोट तथा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्गों पर करीब 50 लंगर लगाए जाएंगे। बढ़िया भोजन आरक्षण श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने लंगर संगठनों के लिए भोजन मेनू को भी अंतिम रूप दिया है और उन्हें तैलीय वस्तुओं से बचने के लिए कहा है। श्राइन बोर्ड ने तीर्थयात्रियों को पौष्टिक और स्वस्थ भोजन खाने के लिए भी प्रोत्साहित किया है। श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा अनंतनाग जिले के पहलगाम में स्थित है और हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल है। यह समुद्र तल से लगभग 13,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को यात्रा मार्ग के रखरखाव, उन्नयन और चौड़ीकरण का निरीक्षण किया और श्रद्धालुओं की सुरक्षित और परेशानी मुक्त तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड और सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा उठाए गए कदमों का प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया। सिन्हा ने पवित्र गुफा में प्रथम पूजा भी की जो वार्षिक श्री अमरनाथ यात्रा की औपचारिक शुरुआत को चिह्नित करती है।
हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता