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हरिद्वार, 11 जून (हि.स.)। जनपद हरिद्वार के खानपुर ब्लॉक स्थित असगरपुर गांव की सुनीता देवी ने ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के सहयोग से अपनी मेहनत और संकल्प के बल पर आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश की है। राखी स्वयं सहायता समूह की सक्रिय सदस्य सुनीता देवी ने विपरीत परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और आज एक सफल दुग्ध उत्पादन उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बना चुकी हैं।
सुनीता देवी के पास थोड़ी सी कृषि भूमि थी, लेकिन पारंपरिक खेती से आय सीमित थी। पति के निधन के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति और भी कठिन हो गई। ऐसे समय में उन्होंने कुछ नया करने का साहस किया और आर्थिक रूप से सशक्त बनने का निर्णय लिया।
स्वयं सहायता समूह की बैठक के दौरान उन्हें ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की जानकारी मिली, जो ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से संचालित की जा रही थी। उन्होंने गोरधनपुर सीएलएफ की बिजनेस प्रमोटर पिंकी से संपर्क किया और अपनी योजना साझा की। सुनीता देवी की लगन और ईमानदारी को देखते हुए परियोजना के अंतर्गत उन्हें 35 हजार की बिना ब्याज की ऋण राशि स्वीकृत की गई।
इस सहायता राशि से सुनीता देवी ने एक उन्नत नस्ल की दुधारू गाय खरीदी और दुग्ध उत्पादन इकाई की शुरुआत की। उन्होंने पशुधन विशेषज्ञों से प्रशिक्षण लिया और गाय की देखभाल, पौष्टिक आहार तथा स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया। दूध निकालने और स्थानीय बाजार में बेचने की व्यवस्थित योजना बनाई।
कुछ ही समय में गाय ने अच्छी मात्रा में दूध देना शुरू कर दिया, जिससे उनकी आय में निरंतर वृद्धि हुई। अब वह न केवल अपने परिवार की दैनिक आवश्यकताओं को पूरा कर पा रही हैं, बल्कि नियमित रूप से बचत भी कर रही हैं। इस उद्यम से उन्हें न सिर्फ आर्थिक लाभ मिला, बल्कि आत्मविश्वास और सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्राप्त हुई।
ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की समय पर मिली सहायता और सुनीता देवी की अथक मेहनत ने उन्हें एक सशक्त महिला उद्यमी में परिवर्तित कर दिया है। उनकी कहानी यह प्रमाणित करती है कि यदि ग्रामीण महिलाओं को सही मार्गदर्शन और संसाधन उपलब्ध कराए जाएं, तो वे भी आर्थिक रूप से सशक्त बनकर समाज में प्रेरणा बन सकती हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला