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देहरादून, 11 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक में जैव प्रौद्योगिकी, कृषि, खनन, स्वास्थ्य शिक्षा, महिला एवं बाल विकास सहित छह महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
बैठक के बाद सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में सचिव शैलेश बगोली ने मंत्रिमंडल की ब्रीफिंग की। उन्हाेंने जानकारी दी कि कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के अन्तर्गत स्वायत्तशासी राज्य अनुदानित संस्था उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद् के गठन के पश्चात् न्यूनतम आवश्यकता के आधार पर पूर्व में परिषद् के हल्दी, पंतनगर स्थित मुख्यालय के लिए 34 पद एवं एडवांस सेन्टर फॉर कम्प्यूटेशनल एण्ड एप्लाईड बॉयोटेक्नोलॉजी, देहरादून के लिए 12 पद सहित कुल 46 पद सृजित करने का स्वीकृति प्रदान की गई थी। समस्त पदों को एकीकृत (एकल संवलर्ग) रूप में रखे जाने व भर्ती के स्रोत में परिवर्तन का अनुमोदन प्रदान किया गया है।
भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के संरचनात्मक ढांचे में अतिरिक्त पद सृजित करने का निर्णय लिया गया। उच्च न्यायालय, उत्तराखंड की ओर से जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान दिये गये निर्देशों के समादर में भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के ढांचे में विभागीय आवश्यकतानुसार पर्याप्त कार्मिकों की उपलब्धता कराने के लिए अतिरिक्त पदों के सृजन को 18 पदों को बढ़ाया गया है।
उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012 के प्राविधानानुसार जनपद देहरादून के तहसील सदर एवं विकासनगर के अंतर्गत आसन नदी के प्रारम्भिक बिन्दु भट्टा फॉल से आसन बैराज (कुल लगभग 53.00 किमी. लम्बाई) तक आसन नदी के दोनों तटों पर बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की अधिसूचना के संबंध में निर्णय लिया गया है।
देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी में जो क्षेत्र बाढ़ परिक्षेत्र घोषित किया गया है, उन क्षेत्रों में एसटीपी का निर्माण, एलिवेटेड रोड के लिए नींव समेत संरचना का निर्माण, रोपवे टॉवर का निर्माण कार्य, मोबाइल टावर निर्माण और हाई टेंशन विद्युत लाइन का निर्माण करने को मंजूरी दे दी है।
पीडब्ल्यूडी के पांच निरीक्षण भवन को पीपीपी मोड में डेवलप करने का निर्णय लिया गया था। ऐसे में इन पांचों निरीक्षण भवन को पीपीपी मोड में विश्व स्तरीय गेट हाउस के रूप में डेवलप किया जाएगा। रानीखेत, उत्तरकाशी, दुगलबित्ता, हर्षिल और ऋषिकेश में स्थित पीडब्ल्यूडी के पांच निरीक्षण -रिस्पना-बिंदाल क्षेत्र घोषित हुआ बाढ़ परिक्षेत्र
भवन को विकसित की जाएगी। लोक निर्माण विभाग, उत्तराखंड के चयनित 05 निरीक्षण भवनों का पी.पी.पी. माध्यम से संचालन द्वारा मुद्रीकरण करने का कार्य यू.आई.आई डी.बी को आवंटित करने का निर्णय लिया गया है।
उत्तराखंड राज्य सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देखरेख परिषद् का गठन करने का अनुमोदन प्रदान किया गया है। वर्तमान में राज्य में परा-चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए उत्तराखंड पराचिकित्सा अधिनियम, 2009 एवं परा-चिकित्सा डिप्लोमा पाठ्यक्रमों हेतु स्टेट मेडिकल फैकल्टी के प्राविधान प्रभावी हैं, के अन्तर्गत विभिन्न 22 पराचिकित्सा विधाओं में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का पंजीकरण किया जाता है। देश में सहबद्ध एवं स्वास्थ्य देख-रेख व्यवसायियों के लिए शिक्षा और सेवाओं के मानकों को विनियमित करने, आचार संहिता, प्रवेश परीक्षाएं, पाठ्यक्रम मानकीकरण, पंजीकरण के मानकों में एकरूपता लाने, अन्तर्राज्यीय पंजीकरण को सरल एवं सुलभ बनाने व कुल 10 श्रेणियों में समूहीकृत 56 व्यवसायी उपाधियों को मान्यता प्रदान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि (कॉर्पस फण्ड) के क्रियान्वयन के नियमावली के अन्तर्गत विभाग को प्राप्त विदेशी मदिरा/बियर पर उपकर (सैस) की धनराशि को कॉर्पस फण्ड के रूप में विभागान्तर्गत संचालित उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास समिति के माध्यम से संचालित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत राज्य की महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं के प्राप्त अंतरालों को भरा जाएगा व आवश्यकता व प्रस्थिति के अनुसार नवाचार योजनाओं का क्रियान्वयन भी किया जाएगा। प्रमुख रूप से उक्त निधि के तहत आपदा/दुर्घटना में अनाथ हुए बच्चों, निराश्रित महिलाओं के जीविकोपार्जन व वृद्ध महिलाओं के लिए जीवन निर्वहन की समुचित व्यवस्था का निर्माण किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार