Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
दिव्यांग नहीं, विशेष हैं ये बच्चेः 'सुगम्य वर्कशीट्स' से संवेदनशील शिक्षा की नई इबारत लिख रही योगी सरकार
लखनऊ, 11 जून (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार और समावेशन की दिशा में लगातार सार्थक प्रयास कर रही है। इसी क्रम में राज्य के लगभग 2.96 लाख विशिष्ट आवश्यकता वाले (दिव्यांग) विद्यार्थियों के लिए यूनिसेफ के सहयोग से ‘सुगम्य वर्कशीट्स’ का विकास और वितरण कराया जा रहा है। ये वर्कशीट्स न केवल उनकी मूलभूत शैक्षिक दक्षताओं को मजबूत करेंगी, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देंगी। योगी सरकार की यह संवेदनशील और रणनीतिक पहल शिक्षा को केवल अधिकार नहीं, अनुभव और आत्मबल का माध्यम बना रही है। अब राज्य सरकार दिव्यांगता को बाधा नहीं, बल्कि एक विशेषता मानते हुए उचित संसाधनों और सहयोग के माध्यम से उन्हें मुख्यधारा में लाने की दिशा में मजबूत कदम उठा रही है।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि योगी सरकार की प्राथमिकता है कि कोई भी बच्चा पीछे न छूटे, चाहे वह किसी भी सामाजिक, आर्थिक या शारीरिक परिस्थिति में क्यों न हो। ‘सुगम्य वर्कशीट्स’ के माध्यम से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि दिव्यांग बच्चे भी शिक्षा के हर स्तर पर बराबरी के हकदार बनें। यह केवल एक शैक्षिक नवाचार नहीं, बल्कि समावेशी और संवेदनशील समाज के निर्माण की दिशा में हमारा संकल्प है।
शिक्षा में समावेशन की ओर ठोस कदम
इन वर्कशीट्स को कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए हिन्दी और गणित विषयों पर केंद्रित किया गया है। कक्षा 1 से 5 के लिए कुल 1300 वर्कशीट्स तैयार किये गये हैं तो कक्षा 6 से 8 के लिए 600 वर्कशीट्स। इस तरह इनके लिए कुल 1900 वर्कशीट्स तैयार हैं। इन वर्कशीट्स को पूर्ण दृष्टि दिव्यांग छात्रों को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों के दिव्यांग बच्चों के लिए इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि वे रंगीन, आकर्षक और सरल भाषा में हों, ताकि वे रुचिपूर्वक और सहजता से सीख सकें।
कक्षा में उपयोग की विस्तृत योजना
वर्कशीट्स की छपाई पूर्ण हो चुकी है और सभी जनपदों में उनकी आपूर्ति सुनिश्चित कर दी गई है। अब ब्लॉक और विद्यालय स्तर पर उनका वितरण किया जा रहा है। दिशा-निर्देशों के अनुसार, ये वर्कशीट्स एक सेट में चरणबद्ध रूप से वितरित की जाएंगी। पहले सेट के अभ्यास और शिक्षक मूल्यांकन के बाद ही अगला सेट दिया जाएगा।
शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण और रणनीति
शिक्षकों को व्यक्तिगत, जोड़ी और समूह गतिविधियों के माध्यम से बच्चों से वर्कशीट्स पर कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्रत्येक सेट से पूर्व विद्यार्थियों के साथ संवाद या गतिविधि के ज़रिए संदर्भ स्पष्ट करना अनिवार्य है और मूल्यांकन के बाद विद्यार्थियों को वर्कशीट्स घर ले जाने की अनुमति दी गई है ताकि वे दोबारा अभ्यास कर सकें।
स्पेशल एजुकेटर्स का मार्गदर्शन और निगरानी भी सुनिश्चित
स्पेशल एजुकेटर्स को विद्यालयों में भ्रमण कर न केवल वर्कशीट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करनी है, बल्कि बच्चों को आने वाली कठिनाइयों को समझकर समाधान भी देना है। इतना ही नहीं, उनकी मासिक रिपोर्ट की समीक्षा जिला समन्वयक करेंगे तथा उसी के अनुरूप फीडबैक व मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन