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काठमांडू, 11 जून (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और चार मंत्रियों के खिलाफ अदालत की अवमानना का मुकदमा चलेगा।इस सभी के खिलाफ 22 जून से निरंतर सुनवाई करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में चार वर्ष पहले इसी तरह के प्रावधान बजट में रखे जाने के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे रद्द करके देश के बालू, गिट्टी आदि के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसके विपरीत सरकार ने हाल ही में पेश किए गए आम बजट में देश के बालू, गिट्टी आदि के निर्यात की छूट देने की घोषणा की गई है। ओली सरकार के आम बजट में एक बार फिर से उसी प्रावधान को प्रस्तावित किया गया है, जिसे सुप्रीम कोर्ट की फुल बेंच ने खारिज कर दिया था। इसे अदालत की अवमानना कहते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश त्रिपाठी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। दो जजों की खंडपीठ ने इस याचिका को प्राथमिकता में रखते हुए 22 जून से निरंतर सुनवाई करने का आदेश दिया है।
जस्टिस तिल प्रसाद श्रेष्ठ और जस्टिस नित्यानंद पांडे की खंडपीठ ने इस याचिका को मंजूर करते हुए इस पर प्राथमिकता के साथ सुनवाई करने का फैसला सुनाया है। याचिका में प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री, उद्योग वाणिज्य तथा आपूर्ति मंत्री एवं भौतिक निर्माण मंत्री को बर्खास्त करने और निजी क्षेत्र के निर्माण खनिजों के निर्यात की अनुमति देने वाले बजट प्रावधान पर सार्वजनिक पद धारण करने से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास