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कीव, 12 जून (हि.स.)। रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष के बीच मानवीय पहल का एक और उदाहरण सामने आया है। गुरुवार को दोनों देशों ने बीमार और गंभीर रूप से घायल युद्धबंदियों का आदान-प्रदान किया। यह अदला-बदली ऐसे समय में हुई है जब हाल ही में इस्तांबुल में दोनों पक्षों के बीच कैदियों और मारे गए सैनिकों के अवशेषों को लेकर अहम वार्ता हुई थी।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने टेलीग्राम पर साझा किए गए एक संदेश में पुष्टि की कि यूक्रेन के सभी लौटे सैनिकों को तत्काल चिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता है। हालांकि, उन्होंने इस अदला-बदली में शामिल सैनिकों की संख्या का उल्लेख नहीं किया।
इस्तांबुल में हुई वार्ता के बाद से रूस और यूक्रेन ने कई बार युद्धबंदियों की अदला-बदली की है, जिसमें मुख्य रूप से 25 वर्ष से कम उम्र के, गंभीर रूप से घायल और बीमार सैनिक शामिल रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह आदान-प्रदान युद्ध के दौरान अब तक की सबसे बड़ी मानवीय पहलों में से एक बन सकता है।
रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि रूस के कई सैनिक यूक्रेन से लौटकर बेलारूस के रास्ते स्वदेश पहुंचे हैं। मंत्रालय ने यह भी बताया कि इन सैनिकों को आवश्यक मनोवैज्ञानिक और चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जा रही है।
इससे एक दिन पहले, बुधवार को यूक्रेन ने कहा था कि उसने युद्ध के दौरान मारे गए अपने 1212 सैनिकों के शव वापस लाए हैं। वहीं क्रेमलिन के सलाहकार व्लादिमीर मेदिन्स्की ने जानकारी दी कि यूक्रेन ने रूस को उसके 27 सैनिकों के शव सौंपे हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय