जींद : धान की पनीरी पर गर्मी का असर, हीट वेव से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी
खेत में लगी धान की पनीरी


जींद, 11 जून (हि.स.)। मौसम का तापमान लगातार बढ़ रहा है जिसके चलते मौसम विभाग द्वारा घरों में रहने के लिए अलर्ट किया गया है। लगातार पड़ रही तेज गर्मी में घरों से बाहर निकलने वाले लोगों के लिए डॉक्टरों द्वारा पूरे शरीर जैसे पूरे बाजू की शर्ट, सर पर कपड़ा ढकने के के निर्देश दिए हैं। उचाना सिविल चिकित्सा अधिकारी डा.योगेश के अनुसार तापमान में हो रही वृद्धि के कारण लोगों को डिहाईड्रेशन स्किन एलर्जी जैसी समस्याएं आ रही हैं। वहीं दूसरी ओर गर्मी किसानों पर भारी पड़ रही है।

तेज गर्मी व लू चलने के कारण किसानों द्वारा लगाई गई धान की प्योद (पनीरी) पर ज्यादा असर पड़ रहा है । धान की प्योद 50 प्रतिशत तक खराब हो चुकी है। खेती विभाग डा.सुखवीर के अनुसार बढ़ते मौसम के बढ़ रहे तापमान के कारण खास परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है । किसानों को चाहिए कि वह समय-समय पर धान के लिए तैयार की जा रही पनीरी में थोड़ा-थोड़ा करके पानी लगाएं। जिससे दोपहर के समय में पानी गर्म होने से प्योद खराब ना हो।

रात को बिजली कट कर रहे परेशान

दिन में गर्मी के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है तो रात के समय लगने वाले बिजली कटों ने आमजन की नींद हराम कर दी है। वहीं तापमान में बढ़ोत्तरी का सीधा असर बिजली सप्लाई पर भी पड़ा है। एसी व कूलरों के चलने से बिजली खपत प्रतिदिन 70 लाख यूनिट तक पहुंच गई है। ओवरलोड होने की वजह से ट्रांसफार्मरों के फ्यूज भी उडऩे लगे हैं। ऐसे में बिजली निगम के शिकायत केंद्र पर शिकायत संख्या भी बढ़ गई है।

एसी की बढ़ी डिमांड

लगातार बढ़ रही गर्मी ने एसी की डिमांड को बढ़ा दिया है। लोग कूलर की बजाए एसी को त्वज्जो दे रहे हैं। एसी लगवाने के लिए वेटिंग भी दो से तीन दिन चल रही है। वहीं नींबू व हरी सब्जियों के दामों में वृद्धि हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार अगले एक सप्ताह तक गर्मी से राहत नहीं मिलेगी। 16 जून के बाद बाद बूंदाबांदी की संभावना है।

हीट वेव से बचाव के लिए एडवाइजरी जारी

उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा ने कहा कि गर्मी के मौसम में हवा के गर्म थपेड़ों और बढ़े हुए तापमान से लू (हीट वेव) लगने का खतरा बढ़ जाता है। खासकर धूप में घूमने वालों, खिलाडियों, बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों को लू लगने का डर ज्यादा रहता है। लू लगने पर उसके इलाज से बेहतर है, हम लू से बचे रहें यानी बचाव इलाज से बेहतर है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजेंद्र मराठा