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आरएस पुरा, 10 जून (हि.स.)। नई-नई तकनीक और अनुसंधान से खेती के तौर-तरीके बदल रहे हैं। परंपरागत खेती की बजाए वैज्ञानिक तरीके से खेती पर जोर दिया जा रहा है ताकि पर्यावरण संरक्षण और पानी की बचत की जा सके। इस दिशा में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग धान की सीधी बिजाई के लिए किसानों को जागरूक कर रहा है। इसे डीएसआर विधि कहा गया है।
मंगलवार को कृषि विभाग की तरफ से आरएस पुरा क्षेत्र के गांव सतोवली में किसानों को धान की सीधी बुवाई करने संबंधी जागरूक किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम के दौरान उप जिला कृषि अधिकारी अरुण कुमार जराल तथा कृषि विशेषज्ञ सरदार रणधीर सिंह मुख्य तौर पर उपस्थित रहे। इस दौरान किसानों को कद्द करके धान की रोपाई के बजाय सीधी बुवाई करने संबंधी प्रेरित किया गया। कृषि अधिकारियों ने कहा कि किस तरह सीधी बुवाई से करीब 15 से 20 प्रतिशत पानी की बचत कर सकते हैं और किसान कम खर्चे पर बेहतर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने किसानों को धान की प्रमुख अराइज 6444 की बुवाई करके किसानों को जागृत किया। कृषि अधिकारियों ने बताया कि एक एकड़ के लिए 10 किलो बीज को 10 से 12 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें फिर दो-तीन घंटे छाया में रखें। इसके अलावा सीधी बुवाई संबंधी अन्य विधि के बारे में भी किसानों को जागरूक किया गया। कृषि अधिकारी अरुण कुमार जराल ने कहा की सीधी बुवाई करने से नदीन व कीटों का प्रकोप कम होता है। इसके अलावा मजदूरी पर खर्च होने वाला खर्च भी काम आता है। कृषि अधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में भी इस तरह के जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करके किसानों को धान की सीधी बुवाई संबंधी जागरूक किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह