संत कबीर दास जयंती के उपलक्ष्य पर उन्हें अर्पित की श्रद्धांजलि
संत कबीर दास जयंती के उपलक्ष्य पर उन्हें अर्पित की श्रद्धांजलि


जम्मू, 10 जून (हि.स.)। सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता आर.एल. कैथ ने कई अन्य लोगों के साथ मिलकर संतों के संत कहे जाने वाले संत कबीर की शिक्षाओं को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर बोलते हुए कैथ ने कहा कि संत कबीर ने समाज को सच्ची धार्मिकता और ईमानदारी का मार्ग दिखाया। उन्होंने सिखाया कि मनुष्य को अपने जीवन यापन के लिए ईमानदारी से श्रम करना चाहिए और अपनी कमाई का कुछ हिस्सा जरूरतमंदों के साथ बांटना चाहिए। साथ ही उसे सदा सच्चे नाम का सिमरन करना चाहिए और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।

इस मौके पर मौजूद हंसराज लोरिया ने कहा कि कबीर की विचारधारा एक ऐसी दिव्यता पर आधारित थी, जो हर धर्म और जाति के लोगों के लिए समान रूप से सुलभ है। उन्होंने प्रेम, करुणा और समझ को आत्मिक उन्नति और सामाजिक सौहार्द्र का मार्ग बताया। तिलक राज बासा ने कहा कि संत कबीर की शिक्षाएं आज भी विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के लोगों को प्रेरित करती हैं। उन्होंने मानवीय मूल्यों, सामाजिक न्याय और आध्यात्मिक स्वतंत्रता पर जो बल दिया, वह उन्हें मानवतावाद के इतिहास में एक महान प्रतीक बनाता है।

अन्य वक्ताओं में सुबेदार बलदेव चंद संधू (सेवानिवृत्त), हवलदार देशराज कैथ, मास्टर नरेश कुमार कैथ, जगदीश राज कैथ और सोम नाथ शामिल थे। सभी ने संत कबीर के सार्वभौमिक संदेश को आज के युग में भी प्रासंगिक बताया और उनके जीवन दर्शन को आत्मसात करने का आह्वान किया।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा