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जम्मू, 11 जून (हि.स.)। नेशनल सेक्युलर फोरम (एनएसएफ), यूनिवर्सिटी यूनिट द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में स्वतंत्रता सेनानी और क्रांतिकारी शहीद राम प्रसाद बिस्मिल की जयंती पर एक भावपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर छात्रों और वक्ताओं ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में अंकुश अबरोल, प्रांतीय संयुक्त सचिव जेकेएनसी और पूर्व बीसीसीआई सदस्य मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे, जबकि डॉ. विकास शर्मा, जिला समन्वयक जम्मू एवं जोनल सचिव जेकेएनसी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। टी.आर. शर्मा (सेवानिवृत्त केएएस) और डॉ. सुखदेव सिंह, राज्य अध्यक्ष एनएसएफ, विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए।
मुख्य अतिथि अंकुश अबरोल ने राम प्रसाद बिस्मिल के जीवन और उनके बलिदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिस्मिल केवल क्रांतिकारी नहीं, बल्कि एक कवि, लेखक और प्रेरणा का स्रोत थे। उन्होंने मैनपुरी षड्यंत्र (1918) और काकोरी कांड (1925) में सक्रिय भूमिका निभाई और 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर जेल में फांसी दी गई। उन्होंने कहा कि 1997 में भारत सरकार ने उनकी जन्म शताब्दी पर एक बहुरंगी डाक टिकट भी जारी किया। वहीं डॉ. विकास शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि स्वतंत्रता के लिए जान देने वाले ऐसे क्रांतिकारियों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
इसी बीच डॉ. सुखदेव सिंह ने युवाओं से स्वार्थ छोड़कर राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा कि बिस्मिल हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के संस्थापक सदस्य थे और उनकी विचारधारा आज भी युवाओं के लिए मार्गदर्शक है। एनएसएफ के राज्य सचिव विक्षय वशिष्ठ और यूनिवर्सिटी यूनिट अध्यक्ष गौरव प्रताप सिंह ने क्रमशः स्वागत भाषण एवं कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि अभिषेक उप्पल, जिला अध्यक्ष, ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा