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कानपुर, 10 जून (हि.स.)। जालसाजी के मामले में आरोपित का केस से नाम निकालने के एवज में बीस हजार रुपये की रिश्वत लेने वाले दरोगा अभिनव चौधरी को मंगलवार एंटी करप्शन यूनिट ने जेल भेज दिया है। एंटी करप्शन यूनिट द्वारा अब मामले की गहनता से विवेचना की जाएगी।
जनपद की एंटी करप्शन यूनिट में नौबस्ता थाने में तैनात दरोगा अभिनव चौधरी को घूस लेते हुए रंगे हाथ सोमवार को गिरफ्तार किया था। दरोगा पर आरोप था कि उसने जालसाजी के एक मामले में आरोपित का नाम निकलवाने के एवज में बीस हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
बीते 14 जनवरी को नौबस्ता थाने में होजरी कारोबारी देवनगर निवासी त्रिपुरेस मिश्रा ने बिंदकी के रहने वाले प्रत्युष कुमार सहित चार लोगों पर रंगदारी, जालसाजी मांगने समेत और धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले में आरोपित प्रत्यूष कुमार ने विवेचक अभिनव चौधरी से नाम हटाने की बात की थी। जिसे लेकर दरोगा ने बीस हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी लेकिन प्रत्यूष ने एंटी करप्शन टीम से शिकायत कर दी। जिस पर टीम ने जाल बिछाकर सोमवार को दरोगा अभिनव चौधरी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस उपायुक्त दक्षिण दीपेंद्र चौधरी ने मंगलवार को बताया कि दरोगा अभिनव चौधरी रंगे हाथों घूस लेते हुए पकड़े गए हैं। जिसके चलते उन पर एंटी करप्शन की ओर से कार्रवाई की गई है। उनके इस रवैये के चलते उन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित भी कर दिया गया है। साथ ही यह उन सभी लोगों के लिए संदेश भी है। जो अपना काम ईमानदारी से नहीं करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप