168 घंटे जिंदगी की जंग लड़ने के बाद मासूम ने तोड़ा दम
168 घंटे जिंदगी की जंग लड़ने के बाद मासूम ने तोड़ा दम


बांदा, 11 जून (हि.स.)। जिले के चिल्ला थाना क्षेत्र में तीन साल की मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी के मामले में बुधवार को एक दुखद मोड़ आया। बच्ची ने कानपुर के हैलट अस्पताल में 168 घंटे तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद दम तोड़ दिया। आरोपी सुनील निषाद ने उसे ऐसे घाव दिए थे, जिन्हें पांच विशेषज्ञों की टीम के अथक प्रयासों के बावजूद ठीक नहीं किया जा सका। बच्ची की मौत की खबर फैलते ही उसके गांव में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया।

यह हृदय विदारक घटना 3 जून की शाम की है, जब चिल्ला थाना क्षेत्र के एक गांव से पड़ोसी सुनील निषाद (पुत्र लोटन प्रसाद) ने टॉफी का लालच देकर तीन साल की बच्ची का अपहरण कर लिया। आरोप है कि सुनील बच्ची को अपने कमरे में ले गया और शराब के नशे में उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची को मरणासन्न हालत में पाकर, उसने उसे मछलियां बेचने वाले अपने आइस बॉक्स में बंद किया और साइकिल से करीब छह किलोमीटर दूर पदार्थपुर के जंगल की झाड़ियों में फेंक आया।

बच्ची के लापता होने पर परिजनों ने रात 9 बजे चिल्ला थाने में सूचना दी। एसपी पलाश बंसल ने तत्काल तीन टीमें गठित कर बच्ची की तलाश शुरू की। शक के आधार पर सुनील को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बच्ची को जंगल से बरामद करवाया। इस दौरान, आरोपी ने भागने की कोशिश करते हुए पुलिस पर फायरिंग भी की, जिसके जवाब में पुलिस ने उसके पैर में गोली मारकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

रात 2:35 बजे पुलिस मासूम को लेकर जिला अस्पताल पहुंची, जहां उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे तुरंत मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। न्यूरो और पीडियाट्रिक डॉक्टरों की कमी और बच्ची की बिगड़ती हालत को देखते हुए, उसे दोपहर 12 बजे कानपुर के हैलट अस्पताल रेफर किया गया। हैलट अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में पांच विशेषज्ञों की टीम लगातार बच्ची के इलाज में जुटी थी। डॉक्टरों के अनुसार, पूरे शरीर और जननांगों में गंभीर चोटों के कारण संक्रमण तेजी से फैल गया, जिसके परिणामस्वरूप मासूम की मौत हो गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल सिंह